लालकृष्‍ण आडवाणी: गोचर देगा साथ

भारती पंडित
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भाजपा के नेता व प्रधानमंत्री पद के प्रबल दावेदार लालकृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को हुआ। सूर्य कुंडली के अनुसार तुला लग्न व मेष राशि में जन्मे आडवाणी लग्न में सूर्य मंगल के रहते जन्मजात ही नेतृत्व, वक्तृत्व और लेखन प्रतिभा के धनी हैं। वाणी भाव में शत्रु क्षेत्री 'शनि वाणी को कटु व प्रहार करने वाला भी बनाता है।

पत्रिका में शुक्र, गुरु, राहु, बुध की अच्छी स्थिति है। केतु व राहु भी सहायक हैं। चतुर्थ का स्वामी लग्न में है जो जनता से प्यार मिलने का द्योतक है। वह चंद्र की दृष्टि में भी है। लग्न का बुध वाकपटुता देता है, मंगल भरपूर ऊर्जा दे रहा है।

चुनाव की दृष्टि से देखें तो जून 09 तक वे गुरु महादशा में राहु के अंतर से गुजर रहे हैं। तुला लग्न के लिए गुरु योगकारक नहीं है, अत: ‍अधिक लाभ तो नहीं देगा मगर स्वग्रही होने से हानि भी नहीं करेगा। राहु का अंतर सहायक बनेगा।

गोचर में देखें तो वर्तमान में गुरु राहु मकर में शनि चतुर्थ में है जो दशम को दृष्टि बल दे रहे हैं। मतगणना के समय गुरु कुंभ में होंगे जो शनि को भी दृष्ट करेंगे। ऐसे में शनि-गुरु का संयोग काम कर सकता है और आडवाणी को इच्छित सफलता मिल सकती है, बशर्ते अन्य योग सहयोगी हों और पार्टी को जनाधार मिले।

इस समय जनता के हित की बात सोचना और प्रदेश के मुख्‍यमंत्रियों के कार्यों पर नियंत्रण रखना भी जरूरी है। अन्यथा शनिदेव कुपित हो सकते हैं।

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