वसुंधरा के जन्म के समय दशम भाव का स्वामी शुक्र पंचमेश व अष्टमेश गुरु के साथ होकर नवम भाग्य भाव में है। यह मेष राशि में होने से खण्डित राजयोग बन रहा है।
जन्म के समय नीच का चन्द्रमा होने से वसुंधरा स्पष्ट वक्ता हैं। कभी-कभी वाणी के कारण विरोध का भी सामना करना पड़ता है। इस चुनाव में भाग्य भाव पर शनि की नीच दृष्टि व भाग्य का अष्टम भाव में होना नुकसानप्रद रहेगा।
वसुंधरा के जन्म के समय शत्रु पक्ष का स्वामी शनि वक्री होकर तृतीय भाव में है व वर्तमान में शनि उच्च का होकर अस्त है यह योग सावधानी की और संकेत करते हैं। थोड़ी-सी असावधानी सत्ता से दूर कर सकती है।