शरद पवार : गुरु आएगा साथ देने

भारती पंडित
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शरद पवार का जन्म 12 अप्रैल को सुबह 7 बजे के लगभग हुआ। वृश्चिक लग्न में सूर्य और बुध हैं जो संपदा व शक्ति की प्रचुरता को दिखाता है। व्यय में शुक्र-मंगल युति है जो हर स्थिति में संघर्ष की शक्ति व समाज में अपनी पहचान बनाने तथा दूसरों के लिए काम करने, समाज को नई दिशा देने का भी द्योतक है।

पंचमेश गुरु चंद्र के साथ राजयोग में है मगर वहीं नीच का शनि भी है जो योग को हलका कर रहा है। राहु-केतु अच्छी स्थिति में हैं जो राजनीति में सफलता के योग बना रहे हैं।

वर्तमान चुनावों को देखें तो पवार अभी शनि महादशा से गुजर रहे हैं। इसमें शुक्र की अंतर्दशा 22 सितंबर तक है। शुक्र लग्न से 12वाँ और महादशा स्वामी शनि से 7वाँ है जो सही नहीं है। इसी प्रकार गोचर में शनि सिंह (शत्रु) राशि में है।

गोचर में गुरु भी नीच का है जो मानसिक तनाव भी देगा। अत: चुनाव होने तक पवार का पलड़ा कुछ हलका ही रहेगा।

मगर यह ध्यान रखना होगा कि वोटों की गणना 16 मई को शुरू होगी। तब गुरु कुंभ राशि में होंगे, सीधे दशम पर दृष्टि डालेंगे जो अति शुभ होगा। गुरु के बल से न केवल पवार की जीत के आसार बढ़ेंगे वरन् उन्हें कोई महत्वपूर्ण पद दिलाने का काम भी गुरु कर सकता है। पवार यदि इस समय गुरु तुल्य व्यक्ति की शरण में जाएँ, किसी बालक की शिक्षा का जिम्मा लें तो अति उत्तम रहेगा।

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