जन्म के समय शनि चन्द्र लग्न से उच्च का होकर पंचमेश मनोरंजन का कारक होने के साथ-साथ जनता के बीच प्रसिद्धि का भाव चतुर्थ का स्वामी भी हैं।
शनि पंचमहापुरुष योग में से एक शश योग भी बना रहा है। जो जबरदस्त प्रसिद्धि का कारण भी बनता है। स्वर भाव तृतीय का स्वामी गुरु वाणी भाव में मित्र मंगल कि राशि में विद्यमान है, जो आपकी आवाज में और प्रगति का कारक बना। इसमें केतु जो साथ में है।