गुरु षष्टेश होने से भाग्य के मामलों में थोड़ी बाधाओं के बाद सफलता देता है।
पंचम भाव में मंगल की जल तत्व वाली राशि वृश्चिक है व मंगल चतुर्थ दृष्टि से पंचम यानी मनोरंजन भाव को भी देख रहा है। इस वजह से फिल्मी जीवन बरकरार रहेगा। चूंकि मनोरंजन भाव के स्वामी के साथ कला के कारक शुक्र की युति भी है।
शुक्र वक्री है व नीचाभीलाषी भी है, इस कारण मनोरंजन के क्षेत्र में कडी़ मेहनत करना होगी। वैसे भाग्य के स्वामी गुरु की कृपा दृष्टि पंचम भाव पर पंचम दृष्टि पड़ रही है। इस कारण मनोरंजन के क्षेत्र में कुछ कर दिखाने का मौका भी मिलेगा।