अभिजीत मुहूर्त में अखंड दीप-स्थापना

Webdunia
ND
8 अक्टूबर शुक्रवार को अभिजीत मुहूर्त में सुबह 11.36 से 12.24 के बीच ज्योति प्रज्ज्वलित की जाएगी। 14 अक्टूबर की रात को महानिशा पूजन होगा। 15 अक्टूबर अष्टमी को दोपहर 1 बजे से हवन शुरू होगा और शाम 4 बजे पूर्णाहूति होगी। उसी दिन रात्रि में राजजोत कलश का विसर्जन किया जाएगा।

इस विसर्जन को देखने की इजाजत किसी को नहीं है। मंदिर से सभी श्रद्धालुओं को बाहर निकालकर राजजोत कलश का विसर्जन किया जाता है। विसर्जन के दूसरे दिन 16 अक्टूबर को माता को राजभोग लगाकर कन्या भोजन किया जाएगा।

मंदिरों में प्रतिदिन तीन बार आरती होगी। सुबह 6 बजे, दोपहर 12.30 बजे और रात्रि 8 बजे आरती होगी। माता को फलाहारी भोग लगाया जाएगा। मंदिर में तेल के और घी के जोत कलश स्थापित किए जाएँगे।

8 अक्टूबर को 11 से 12 बजे के अभिजीत मुहूर्त में महाकाली का राजजोत नौ ग्रह व चौसठ योगिनी के पूजन के बाद कलश स्थापना व जोत प्रज्ज्वलित की जाएगी।
Show comments

Vrishabha Sankranti 2024: सूर्य के वृषभ राशि में प्रवेश से क्या होगा 12 राशियों पर इसका प्रभाव

Khatu Syam Baba : श्याम बाबा को क्यों कहते हैं- 'हारे का सहारा खाटू श्याम हमारा'

Maa lakshmi : मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए तुलसी पर चढ़ाएं ये 5 चीज़

Shukra Gochar : शुक्र करेंगे अपनी ही राशि में प्रवेश, 5 राशियों के लोग होने वाले हैं मालामाल

Guru Gochar 2025 : 3 गुना अतिचारी हुए बृहस्पति, 3 राशियों पर छा जाएंगे संकट के बादल

बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर फल, जानिए किस राशि के लिए शुभ और किसके लिए अशुभ

Apara ekadashi 2024: अपरा एकादशी कब है, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

21 मई 2024 : आपका जन्मदिन

Maa lakshmi Bhog : माता लक्ष्मी को रोज चढ़ाएं इन 5 में से कोई एक चीज, धन के भंडार भर जाएंगे

21 मई 2024, मंगलवार के शुभ मुहूर्त