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गरबे में दिखा देशभक्ति का जज्बा

गाँधी जयंती पर रास-उल्लास में विशेष प्रस्तुति

Webdunia
सोमवार, 30 मार्च 2009 (11:52 IST)
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' बंदे में था दम, वंदे मातरम' गीत के बोल पर गरबा करते प्रतिभागियों ने गाँधी जयंत‍ी पर ऐसा समाँ बाँधा कि दर्शकों ने नवरात्रि के उल्लास में गाँधी को न सिर्फ याद किया, बल्कि देशभक्ति का रास देखते हुए वे खुशी से झूम उठे।

नईदुनिया और रेसकोर्स रोड नवदुर्गोत्सव समिति द्वारा अभय प्रशाल में आयोजित रास-उल्लास के तीसरे दिन की ड्रेस कोड थीम पीला कलर रखी गई थी। 'सोनल गरबा शिरे' गीत पर पीत वस्त्रों में सजे प्रतिभागियों ने धीमी गति से गरबा शुरू किया तो दर्शक वाह-वाह कर उठे।

गाँधी जयंती और नवदुर्गोत्सव जब साथ हो तो उल्लास के माहौल में देशभक्ति का ज्वार अपने आप ही चढ़ जाता है। 'जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़िया', 'मिले सुर मेरा तुम्हारा' आदि गीतों पर प्रतिभागियों की प्रस्तुति देखते ही बनती थी। खचाखच भरे अभय प्रशाल में दर्शक इस बात से बेहद खुश थे कि उल्लासभरे रास के साथ ही गाँधीजी को भी याद कर लिया।

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पिछले 12 वर्षों से गरबा गायन कर रहे मुंबई के ताल ग्रुप की सूत्रधार हीरल कमानी ने गरबा प्रतिभागियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहाँ के लोग गरबे को खेल नहीं समझते, बल्कि कला मानकर सीखते हैं और उसे फ्लोर पर बेहतर ढंग से प्रस्तुत भी करते हैं।

5 गायक, 6 प्रशिक्षक और 12 संगीतकारों के साथ इंदौर आईं हीरल दर्शकों से मिल रहे प्रतिसाद को लेकर भी बेहद रोमांचित हैं।

प्रतिभागियों और दर्शकों के ‍लिए थीम पर आधारित पुरस्कार भी रखे गए हैं। तीसरे दिन का बेस्ट मेल गरबा का पुरस्कार चिराग नीमा ने जीता, बेस्ट फीमेल गरबा सानिया नवलानी रहीं। प्रतीक साहू और सुदिति नीमा को बेस्ट ड्रेसअप मेल और फीमेल चुना गया, जबकि श्रीमल मूंदड़ा बेस्ट बॉय और प्रभारी पिपलिया बेस्ट बेबी चुने गए।

थीम पर आधारित परिधान पहनकर आने वाले दर्शकों को विशेष पुरस्कार प्रदान किए गए। पहला पुरस्कार शिखा मिश्रा, वंशिका मिश्रा और पूजा मिश्रा को मिला। यश, सेजल और कान्हा शर्मा दूसरे स्थान पर रहे। अनूप-प्रतीक्षा सेठी तीसरे स्थान पर रहे।

एसएमएस बेस्ट फेस कान्टेस्ट राशिदा धारवाल ने जीता। वोट करने वाले लोगों में चेतन चौधरी लकी ड्रॉ के लिए चयनित हुए।

डोडिया और वेस्टर्न मिक्स डोडिया (विशेष प्रकार का गरबा) करते प्रतिभागियों के स्टेप्स ने दर्शकों को बाँध-सा दिया था। समय बीतता जा रहा था और अगले दिन फिर गरबा करना था, अत: फिर मिलने के वादे के साथ गरबा कर रहे युवक-युवतियों ने दर्शकों से विदा ली।
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