मात जगदंबे

देवी गीत....

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- प्र ो. स ी. ब ी. श्रीवास्त व ' विदग् ध'

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हे जग की पालनहार मात जगदंबे
हम आए तुम्हारे द्वार मात जगदंबे

तुम आदि शक्ति इस जग की मंगलकारी

तीनों लोकों में महिमा बड़ी तुम्हारी,
इस मन की सुनो पुकार मात जगदंबे

देवों का दल दनुजों से था जब हारा

असुरों को माँ तुमने रण में संहारा,
तव करुणा अपरम्पार मात जगदंबे

चलता सारा संसार तुम्हारी दम से

माँ क्षमा करो सब भूल हुई जो हम से,
तुम जीवन की आधार मात जगदंबे

हर जन को जग में भटकाती है माया

बच पाया वह जो शरण तुम्हारी है पाया,
माया मय है संसार मात जगदंबे

माँ डूब रही नित भवसागर में नैया

है दूर किनारा कोई नहीं खिवैया,
संकट से करो उबार मात जगदंबे

सद्बुद्धि शांति सुख दो माँ जन-जीवन को

हे जग जननी सद्भाव स्नेह दो मन को,
बस इतनी ही मनुहार मात जगदंबे।

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