100 km तक Chandrayaan-3 की राह रहेगी आसान, ISRO चीफ ने बताया कैसा होगा आगे का सफर

Webdunia
सोमवार, 7 अगस्त 2023 (20:03 IST)
chandrayaan 3
Chandrayaan-3, big update : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने सोमवार को कहा कि चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3)  अच्छी हालत में है और इसका सर्वाधिक महत्वपूर्ण चरण कक्षा निर्धारण प्रक्रिया होगी, जब अंतरिक्ष यान 100 किलोमीटर की वृत्ताकार कक्षा से चंद्रमा के करीब जाना शुरू करेगा।
ALSO READ: chandrayaan-3 की सेहत को लेकर ISRO का बड़ा अपडेट, सॉफ्ट लैंडिंग बस इतनी दूर
क्या प्रक्रियाएं हैं बाकी : प्रक्षेपण यान मार्क-3 रॉकेट से 14 जुलाई को प्रक्षेपित किया गया चंद्रयान-3 अंतरिक्षयान अब चंद्रमा की 4,313 किलोमीटर (किमी) दीर्घवृत्ताकार कक्षा में मौजूद है और इसे 100 किमी की वृत्ताकार कक्षा में ले जाने के लिए 9 से 17 अगस्त के बीच सिलसिलेवा प्रक्रियाएं किए जाने की जरूरत है। विक्रम लैंडर के चंद्रमा पर 23 अगस्त को उतरने की उम्मीद है।
 
सोमनाथ ने यहां कहा कि 100 किमी तक हम कोई कठिनाई नहीं देख रहे हैं। समस्या केवल पृथ्वी से लैंडर की स्थिति का अनुमान लगाने में है। यह माप एक बहुत महत्वपूर्ण माप है, हम इसे कक्षा निर्धारण प्रक्रिया कह सकते हैं। यदि यह सही है तो शेष प्रक्रिया पूरी की जा सकती है।
ALSO READ: chandrayaan-3 ने ISRO को पहली बार भेजा चंद्रमा का Video, देखें अद्‍भुत नजारा
इसरो अध्यक्ष ने कहा कि हम इस बार इसे बहुत सही तरीके से नीचे उतारने में सक्षम हैं। योजना के अनुसार कक्षा में बदलाव किया जा रहा है। इसमें कोई भटकाव नहीं है। इसलिए, यह शानदार नतीजे दे रहा है और हमें उम्मीद है कि सब कुछ ठीक रहेगा।
 
उन्होंने कहा कि चंद्रयान-2 से मिला अनुभव बहुत उपयोगी साबित हो रहा है, क्योंकि अंतरिक्ष एजेंसी ने चंद्रमा पर एक अंतरिक्षयान उतारने की कोशिश की थी। 2019 में यह अभियान आंशिक रूप से सफल रहा था।
 
सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान-2 से मिले अनुभव से काफी मदद मिलेगी। क्या कुछ गलत रहा, उस पर हमने काफी विस्तार से विचार किया। हमने फिर से परिदृश्य तैयार किया और चंद्रयान-3 में काफी संशोधन किया।
 
उन्होंने कहा कि चंद्रयान-2 अभियान से मिली चंद्रमा की तस्वीरों का उपयोग चंद्रयान-3 की बेहतर अवस्थिति के लिए किया गया।
 
सोमनाथ ने कहा कि हमने आकस्मिक स्थिति एवं गड़बड़ी से निपटने के लिए और अधिक सूचना जुटाई। हमने इन सभी चीजों पर व्यापक परीक्षण कार्यक्रम संचालित किया। 
 
मिली थी 99 प्रतिशत सफलता : भारत ने भी अपने पहले प्रयास में इसे लगभग हासिल कर लिया था जब जुलाई 2019 में चंद्रयान -2 लॉन्च किया था, इससे पहले कि लैंडर दुर्घटनाग्रस्त होकर लैंडिंग स्थल के बहुत करीब पहुंच गया, मिशन लगभग 99.99 फीसदी सफलता के साथ पूरा हो गया।
 
सबसे भारी यान से हुआ प्रक्षेपण : चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान को 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा से इसरो के सबसे भारी प्रक्षेपण यान एमवीएम 3-एम 4 द्वारा सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया था।
 
चंद्रयान-3 में एक स्वदेशी लैंडर मॉड्यूल (एलएम), प्रोपल्शन मॉड्यूल (पीएम) और एक रोवर शामिल है, जिसका उद्देश्य भविष्य के अंतर-ग्रहीय मिशनों के लिए आवश्यक नई तकनीकों का विकास और प्रदर्शन करना है।
 
चौथा देश बनने का रिकॉर्ड : सॉफ्ट लैंडिंग की सफलता भारत को इस ऐतिहासिक मील के पत्थर को हासिल करने के लिए अंतरिक्ष यात्रा करने वाले देशों के एक चुनिंदा समूह में शामिल होने के लिए प्रेरित करेगी। अब तक केवल अमेरिका, तत्कालीन सोवियत संघ और चीन ने ही यह उपलब्धि हासिल की है। भाषा  Edited By : Sudhir Sharma

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

महाराष्‍ट्र की राजनीति में नई दुकान... प्रोप्रायटर्स हैं ठाकरे ब्रदर्स, हमारे यहां मराठी पर राजनीति की जाती है

उत्तराधिकारी की घोषणा टली, 90 साल के दलाई लामा बोले, मैं 30-40 साल और जीवित रहूंगा

20 साल बाद उद्धव-राज साथ, किसे नफा, किसे नुकसान, क्या महाराष्ट्र की राजनीति में लौट पाएगी 'ठाकरे' की धाक

तेजी से बढ़ता स्‍मार्ट और सबसे स्‍वच्‍छ इंदौर आखिर सड़क पर हुए भ्रष्‍टाचार के गड्ढों में क्‍यों गिर रहा है?

अमेरिका के खिलाफ भारत ने लिया बड़ा एक्शन, WTO में जवाबी टैरिफ का रखा प्रस्ताव

सभी देखें

नवीनतम

टेक्सास में बाढ़ से तबाही, 51 लोगों की मौत, 27 लड़कियां लापता

ब्राजील में पीएम मोदी का जोरदार स्वागत, ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेंगे

राजस्थान से बंगाल तक 15 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट, क्या है हिमाचल का हाल?

मस्क ने बनाई नई अमेरिका पार्टी, कहा लोगों को खोई हुई आजादी वापस दिलाएगी

LIVE: BRICS समिट में भाग लेने ब्राजील पहुंचे पीएम मोदी

अगला लेख