चाँद को छूने की तैयारियाँ पूरी

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श्री हरिकोटा अंतरिक्ष केन्द्र से बुधवार सुबह पीएसएलवी सी-11 के चंद्रयान प्रथम को लेकर चाँद छूने की उड़ान पर रवाना होते ही भारत दुनिया के कुछ गिने चुने देशों में शामिल हो जाएगा।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सूत्रों ने बताया कि सोमवार सुबह 5.20 बजे शुरू हुई टी-49 घंटे की उलटी गिनतियाँ सुगमता से चल रहीं हैं और भारत का विश्वस्त आसमानी घोडा पीएसएलवी कल निर्धारित 6.20 बजे चाँद को छूने की हुंकार भर लेगा।

हालाँकि यहाँ से लगभग 80 किलोमीटर दूर श्री हरिकोटा में कल से बारिश हो रही है, लेकिन चंद्रयान का प्रक्षेपण सुनिश्चित करने के लिए सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र में वैज्ञानिक रात-दिन एक किए हुए हैं। सूत्रों के अनुसार भारत के पहले मानव रहित चंद्र मिशन की समय सारिणी में अभी तक कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।

चंद्रयान प्रक्षेपण के साथ ही भारत चंद्र धरातल को छू चुके रूस, अमेर‍िका, चीन, यूरोपीय संघ और जापान जैसे कुछ चुने हुए देशों की जमात में शामिल हो जाएगा। तीन सौ साठ करोड़ रुपए की लागत वाला भारत का पहला चंद्र मिशन पृथ्वी की कक्षा से आगे गहरे अंतरिक्ष में जाने का पहला साहसिक कदम होगा।

चंद्रयान प्रथम का प्राथमिक उद्देश्य चंद्रमा के वैज्ञानिक ज्ञान को विस्तारित करने के साथ ही देश की प्रौद्योगिकीय क्षमताओं का उच्चीकरण और भारतीय वैज्ञानिकों को भूमंडलीय अनुसंधान के चुनौतीपूर्ण अवसरों को उपलब्ध कराना है।

चंद्रयान प्रथम चंद्रमा के उच्च श्रेणी के त्रि-आयामी चित्र भेजने के अलावा पूरे चंद्र धरातल की रासायनिक संरचना का भी पता लगाने का प्रयास करेगा।

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