पूर्व पुलिस अधिकारी और रिश्तेदार चुनाव मैदान में

Webdunia
सोमवार, 18 नवंबर 2013 (22:07 IST)
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रायपुर। छत्तीसगढ़ में हो रहे विधानसभा चुनाव में पुलिस अधिकारियों के कुछ रिश्तेदार या स्वयं कुछ पूर्व पुलिस अधिकारी चुनाव मैदान में है। ऐसे प्रत्याशियों की अवैधानिक रूप से मदद करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

छत्तीसगढ़ में 19 नवंबर को दूसरे चरण का मतदान होगा और राज्य में शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए पुलिसबल को सतर्क कर दिया गया है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के अनुसार, पुलिस अधिकारियों के कुछ रिश्तेदार और स्वयं पूर्व पुलिस अधिकारियों का चुनाव लड़ने के कारण उन्हें दूसरे चरण में मतदान के लिए एक और चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।

अधिकारियों के मुताबिक राज्य के डौंडीलोहारा विधानसभा सीट से कांग्रेस ने अनिला भेंडिया को चुनाव मैदान में उतारा है। अनिला पुलिस मुख्यालय में पदस्थ सीआईडी विभाग के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) रवींद्र भेंडिया की पत्नी हैं।

इसी तरह कांग्रेस की टिकट पर श्यामलाल कंवर रामपुर से चुनाव लड़ रहे हैं। कंवर के खिलाफ राज्य के गृहमंत्री और भाजपा के उम्मीदवार ननकी राम कंवर चुनाव मैदान में हैं। श्यामलाल कंवर पुलिस उप अधीक्षक के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं।

उन्होंने बताया कि राज्य के गुंडरदेही से कांग्रेस की टिकट पर आरके राय चुनाव लड़ रहे हैं। राय छत्तीसगढ़ पुलिस में डीएसपी के पद पर तैनात थे। राय का झुकाव मुख्य विपक्षी दल की तरफ हुआ तब उन्होंने नौकरी छोड़ दी और राजनीति में आ गए।

अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ पुलिस के पूर्व निरीक्षक (इंस्पेक्टर) रामलाल चौहान भी सेवानिवृत्ति के बाद चुनाव मैदान में हैं। सत्ताधारी दल भाजपा ने उन्हें सरायपाली से चुनाव मैदान में उतारा है। चौहान का मुकाबला कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरिदास भारद्वाज से है।

पुलिस अधिकरियों के मुताबिक यह सभी उम्मीदवार पुलिस अधिकारी रह चुके हैं या पुलिस अधिकारी के रिश्तेदार हैं। निश्चित तौर पर विभाग में इनकी अच्छी जान-पहचान है और इसलिए यह इसका अवैधानिक फायदा उठा सकते हैं।

राज्य के पुलिस महानिदेशक रामनिवास के मुताबिक राज्य में पुलिस विभाग के पूर्व अधिकारी और पुलिस अधिकारी की रिश्तेदार के चुनाव लड़ने को देखते हुए पुलिस विभाग के सभी अधिकारियों को किसी भी उम्मीदवार को अवैधानिक फायदा पहुंचाने से बचने की सलाह दी गई है।

रामनिवास कहते हैं कि पूर्व पुलिस अधिकारियों या उनके रिश्तेदारों का चुनाव लड़ना उनका संवैधानिक अधिकार है, लेकिन परिचित होने का अवैधानिक फायदा न उठा पाए यह ध्यान रखना जरूरी है।

उन्होंने बताया कि सभी पुलिस अधिकरियों को राज्य में निष्पक्ष मतदान कराने के लिए ऐसे किसी भी कार्यों में संलग्न रहने से मना किया गया है जिससे चुनाव कार्य प्रभावित हो। ऐसा करते हुए पाए जाने पर उनके खिलाफ नियमत: कार्रवाई की जाएगी। राज्य में मंगलवार को दूसरे और अंतिम चरण का मतदान होगा जिसमें एक करोड़ 39 लाख से अधिक मतदाता 843 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। (भाषा)

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