बाल दिवस : नन्हों के अधिकार

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जानिए बच्चों के अधिकार के बारे में

भारत का संविधान,संयुक्त राष्ट्र की योजनाओं के ही अनुरूप बच्चों के संरक्षण एवं अधिकारों की रक्षा के लिए कई सुविधाएं देता है। देश का संविधान हर तरह से देश में बच्चों के कल्याण तथा उनकी शिक्षा एवं बालश्रम से मुक्ति के लिए प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से प्रयासरत है।

बावजूद इसके आज भी बहुत से बच्चे शिक्षा से महरूम हैं और बालश्रम के दलदल में फंसे हुए हैं। इसके पीछे के कारणों में गरीबी जैसी मजबूरी के साथ-साथ बच्चों का अपने अधिकारों की जानकारी न होना भी है। बाल दिवस के मौके पर जानिए अपने अधिकारों के बारे में...












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अनुच्छेद 15(3)- राज्य को बच्चों एवं महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए अधिकार देता है।

अनुच्छेद 21(ए)- राज्य को 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए अनिवार्य तथा मुफ्त शिक्षा देना कानूनी रूप से बाध्यकारी है।

अनुच्छेद 24- बालश्रम को प्रतिबंधित तथा गैरकानूनी कहा गया है।

अनुच्छेद 39(ई)- बच्चों के स्वास्थ्य और रक्षा के लिए व्यवस्था करने के लिए राज्य क़ानूनी रूप से बाध्य है।

अनुच्छेद 39(एफ)- बच्चों को गरियामय रूप से विकास करने के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराना राज्य की नैतिक जिम्मेदारी है।

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