Jawaharlal Nehru Jayanti 2025: एक गुलाब, एक राष्ट्र निर्माता: बच्चों के प्यारे 'चाचा नेहरू' की कहानी
, गुरुवार, 13 नवंबर 2025 (16:16 IST)
Pandit Jawaharlal Nehru Ka Jeevan: बहुत साल पहले, 14 नवंबर 1889 को, इलाहाबाद, अब प्रयागराज में एक विशेष बालक का जन्म हुआ। उनका नाम रखा गया जवाहरलाल। वह बहुत ही प्यारे, तेज और जिज्ञासु थे। बड़े होकर, यही बच्चा भारत के पहले प्रधानमंत्री बने, लेकिन बच्चों के बीच वह हमेशा प्यारे 'चाचा नेहरू' के नाम से जाने गए।
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चाचा नेहरू का जीवन बचपन से ही बहुत आरामदायक था, पर उनका मन हमेशा देश और देश की जनता के लिए कुछ करने को उत्सुक रहता था।
पढ़ाई और देश प्रेम: जवाहरलाल नेहरू की शुरुआती पढ़ाई घर पर ही हुई, फिर वह इंग्लैंड पढ़ने गए। वहां उन्होंने एक वकील की पढ़ाई पूरी की, लेकिन उनका मन सिर्फ़ किताबें पढ़ने में नहीं लगता था। उनका दिल अपने देश, भारत (India), की आज़ादी के लिए धड़कता था।
जब वह भारत लौटे, तो उन्होंने देखा कि कैसे अंग्रेज हमारी प्यारी भारत भूमि पर राज कर रहे हैं। तभी उन्होंने फैसला किया कि अब वह अपनी सारी जिंदगी भारत को आजाद कराने में लगा देंगे।
स्वतंत्रता संग्राम में संघर्ष: चाचा नेहरू ने महात्मा गांधी के साथ मिलकर आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया। वह गांधीजी के बहुत करीब थे और उनसे बहुत कुछ सीखते थे। आजादी के लिए उन्होंने कई बार जेल की लंबी यात्राएं कीं। जेल में रहते हुए भी, उन्होंने खाली समय बर्बाद नहीं किया, बल्कि 'डिस्कवरी ऑफ इंडिया' (Discovery of India) जैसी शानदार किताबें लिखीं, जिसने हमें अपने देश के महान इतिहास के बारे में बताया। उनका संघर्ष सिर्फ़ भाषणों तक सीमित नहीं था। वह गांव-गांव गए, लोगों से मिले, उनके दुख-दर्द समझे और उन्हें एक साथ खड़े होने का हौसला दिया।
गुलाब का प्रेम: चाचा और बच्चे: चाचा नेहरू को बच्चे और गुलाब बहुत पसंद थे।
गुलाब का राज: वह हमेशा अपनी अचकन/ जैकेट पर एक लाल गुलाब लगाते थे। यह गुलाब उन्हें किसी प्रियजन ने भेंट किया था। कुछ लोग कहते हैं कि वह इसे इसलिए लगाते थे ताकि उन्हें बच्चों के प्यार और सादगी की याद आती रहे।
बच्चों से प्यार: उन्हें बच्चों के साथ खेलना, बातें करना और उनके सवालों के जवाब देना बहुत अच्छा लगता था। बच्चे भी उनसे बहुत प्यार करते थे और उन्हें 'चाचा नेहरू' कहकर बुलाते थे, क्योंकि वह हर बच्चे के लिए एक पिता तुल्य स्नेह रखते थे। उनका जन्मदिन, 14 नवंबर, इसीलिए बाल दिवस (Childrens Day) के रूप में मनाया जाता है।
एक नए भारत के निर्माता: 15 अगस्त 1947 को, भारत आजाद हुआ! उस ऐतिहासिक क्षण में, जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री बने। उनका सपना सिर्फ़ आजादी नहीं था, बल्कि एक मजबूत, आधुनिक और शिक्षित भारत का निर्माण करना था।
उन्होंने देश को आगे बढ़ाने के लिए बड़े-बड़े स्कूल, कॉलेज, फैक्ट्रियां और बांध बनवाए। उन्होंने विज्ञान, शिक्षा और उद्योगों को बहुत महत्व दिया। उनका मानना था कि बच्चों के हाथों में देश का भविष्य है, और इसीलिए उन्होंने हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार दिलाने के लिए बहुत काम किया।
अमर विरासत: चाचा नेहरू ने 27 मई 1964 को दुनिया को अलविदा कहा, लेकिन उनकी विरासत आज भी हमारे बीच जिंदा है। वह हमें सिखा गए कि प्यार और अहिंसा से हम हर मुश्किल को जीत सकते हैं। उनका गुलाब हमें याद दिलाता है कि बड़े से बड़े नेता के दिल में भी कोमलता और सादगी होनी चाहिए। और सबसे बढ़कर, उनका बाल दिवस हमें याद दिलाता है कि बच्चों का भविष्य ही देश का भविष्य है।
हम सब आज भी उनके सपनों का भारत बनाने की राह पर चल रहे हैं—एक ऐसा भारत, जहां हर बच्चा खुशहाल और शिक्षित हो।
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