चाचा नेहरू : प्यार और सपनों का दूसरा नाम

Webdunia
इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के

सृष्टि की सुंदर वाटिका में खिले तरह-तरह के फूलों की गंध, रूप, रस और रंग का आकर्षण और सौंदर्य भी जुदा-जुदा होता है। इलाहाबाद के 'आनंद भवन' में पं. मोतीलाल नेहरू के घर जन्मे जवाहरलाल सचमुच दुनिया के लिए एक अनमोल उपहार थे। 
 
अंग्रेजों के साम्राज्य को उखाड़ फेंकने का सपना देखना भी तब जुर्म में शुमार था। भारत की जनता दासता का बोझ ढोते-ढोते थक गई थी। देश का स्वाभिमान धीरे-धीरे जाग रहा था। आपस में विभाजित सामंत और राजे-महाराजे अपनी भूलों के लिए प्रायश्चित करने को तैयार थे।

लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और गोपाल कृष्ण गोखले जैसे राष्ट्रीय नेताओं ने अफ्रीका से लौटे गांधी के हाथों में स्वदेशी आंदोलन की बागडोर सौंपकर जब देश के युवाओं को आजादी की जंग में कूदने का आव्हान किया, तब जवाहरलाल नेहरू ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में इस राष्ट्रीय आंदोलन को एक नई दिशा दी।

अंग्रेजों ने गांधी और जवाहर का राजनीतिक लोहा माना और आखिरकार अंग्रेजी हुकूमत को भारत से अपना बोरिया-बिस्तर बांधना पड़ा।
 
देश स्वतंत्र होने के बाद नेहरूजी ने देश के नवनिर्माण की जो वैज्ञानिक आधारशिला रखी, उसी का परिणाम है कि आज हम विश्व में अपने ज्ञान-विज्ञान और टेक्नोलॉजी का लोहा दुनिया से मनवा सके हैं।

अंतरिक्ष विज्ञान हो या परमाणु विज्ञान, कम्प्यूटर विज्ञान हो या इलेक्ट्रॉनिक्स, हमारा विश्व में आज एक सम्मानजनक स्थान है और आर्थिक दृष्टि से भी हमारा आधार पहले से मजबूत है। दूरदर्शी जवाहरलाल की दृष्टि एवं स्वप्नदर्शिता का ही यह कमाल था कि इतने वर्ष पूर्व ही उन्होंने देश को नई वैज्ञानिक संस्कृति के रंग में रंगना शुरू कर दिया था।



वे भारत के बच्चों, तरुणों, युवाओं एवं युवतियों में एक नया उत्साह भर देना चाहते थे। वे इस देश को धरती पर एक खुशहाल राष्ट्र देखना चाहते थे। बच्चों के प्रति उनका प्रगाढ़ स्नेह उनके कोमल मन का प्रमाण था। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री और विश्वभर के बच्चों के चाचा नेहरू का जन्मदिन बाल दिवस प्रतिवर्ष 14 नवंबर को कुछ नए सवाल लेकर आता है।

FILE


आज भारत सहित समूचे विश्व में विशेषकर एशिया, अफ्रीका और विकासशील दुनिया में बच्चों के मानवीय अधिकारों का जो अपहरण और उत्पीड़न हो रहा है, उसे देखकर आज चाचा नेहरू की आत्मा अवश्य रो रही होगी। चाचा नेहरू बच्चों में कल की दुनिया की बेहतर तस्वीर देखते थे। उन्हें बेतहाशा प्यार देना चाहते थे और चाहते थे कि वे आगे चलकर इस धरती पर बसी दुनिया को खूबसूरत बनाएं, सजाएं, संवारें और यह धरती शांति और सहअस्तित्वपूर्ण मानवीय रिश्तों का एक सुखी-समृद्ध परिवार बन सके।

वेबदुनिया पर पढ़ें

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

वर्कआउट करते समय क्यों पीते रहना चाहिए पानी? जानें इसके फायदे

तपती धूप से घर लौटने के बाद नहीं करना चाहिए ये 5 काम, हो सकते हैं बीमार

सिर्फ स्वाद ही नहीं सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है खाने में तड़का, आयुर्वेद में भी जानें इसका महत्व

विश्‍व हास्य दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

समर में दिखना है कूल तो ट्राई करें इस तरह के ब्राइट और ट्रेंडी आउटफिट

सभी देखें

नवीनतम

Happy Laughter Day: वर्ल्ड लाफ्टर डे पर पढ़ें विद्वानों के 10 अनमोल कथन

संपत्तियों के सर्वे, पुनर्वितरण, कांग्रेस और विवाद

World laughter day 2024: विश्‍व हास्य दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

फ़िरदौस ख़ान को मिला बेस्ट वालंटियर अवॉर्ड

01 मई: महाराष्ट्र एवं गुजरात स्थापना दिवस, जानें इस दिन के बारे में