आज भारत सहित समूचे विश्व में विशेषकर एशिया, अफ्रीका और विकासशील दुनिया में बच्चों के मानवीय अधिकारों का जो अपहरण और उत्पीड़न हो रहा है, उसे देखकर आज चाचा नेहरू की आत्मा अवश्य रो रही होगी। चाचा नेहरू बच्चों में कल की दुनिया की बेहतर तस्वीर देखते थे। उन्हें बेतहाशा प्यार देना चाहते थे और चाहते थे कि वे आगे चलकर इस धरती पर बसी दुनिया को खूबसूरत बनाएं, सजाएं, संवारें और यह धरती शांति और सहअस्तित्वपूर्ण मानवीय रिश्तों का एक सुखी-समृद्ध परिवार बन सके।