इनमें विश्व अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करने वाले अमेरिका, योरप के साथ-साथ अन्य कई देश भी शामिल हैं। जहां नुक्कड़ की दुकानों से लेकर बड़े-बड़े मॉल्स तक में क्रिसमस पर तमाम वस्तुओं की बिक्री सामान्य से कई गुना तक बढ़ जाती है।
अनेक छोटी-बड़ी कंपनियां इस अवसर पर अपने नए उत्पाद लांच करती हैं। लुभावने सेल व डिस्काउंट योजनाएं तो होती ही हैं। बिक्री इसलिए भी अधिक होती है क्योंकि लोग क्रिसमस पर केवल स्वयं के लिए ही खरीददारी नहीं करते बल्कि रिश्तेदारों, मित्रों, स्नेहियों को भेंट करने के लिए उपहार भी खरीदते हैं। कंपनियां अपने कर्मचारियों को उपहार देने के लिए थोक में ऑर्डर देती हैं।
क्रिसमस पर जमकर खरीददारी करते हैं और उपहारों का आदान-प्रदान भी करते ही हैं। पसंद न आने वाले उपहारों की आपस में अदला-बदली कर लेने का चलन भी काफी बढ़ गया है। आपको कहीं से मिला उपहार मुझे पसंद है और मुझे मिल गया है आपकी पसंद का उपहार, तो चलो एक्सचेंज कर लें। आप भी खुश, मैं भी खुश।
उपहार देने वालों का कोई नुकसान नहीं हुआ और दुकानदार तो खैर, माल बेचकर खुश है ही। चारों ओर खुशियां फैलाने से बेहतर क्या तरीका होगा क्रिसमस मनाने का!