क्रिसमस 2023 : ईसा मसीह का जहां हुआ था जन्म, जानें कैसा है वह स्थान

अनिरुद्ध जोशी
Christmas 2023: ईसा मसीह का जन्म 25 दिसंबर को एक यहूदी युसुफ बढ़ई की पत्नी मरियम के यहां हुआ था। उनका परिवार नाजरथ का रहने वाला था और वे राज्य में हो रही जनगणना के लिए बेथलेहम में अपना नाम दर्ज कराने जा रहे थे। उस वक्त मदर मैरी यानी मरियम गर्भ से थीं और जब वे बेथलेहम पहुंचे तो वहां पर रात बिताने के लिए कोई सराय नहीं मिली तब एक चरवाहे ने उन्हें अस्तबल में रुकाया जहां यीशु का जन्म हुआ।
 
ईसा का जन्म स्थान बेथलेहम : ईसा मसीह का जन्म बेथलेहम के एक अस्तबल में हुआ था। यह भूमि दुनिया भर के ईसाईयों की आस्था का केंद्र है। इसराइल में यह स्थल यरुशलम से 10 किलोमीटर दक्षिण में स्थित एक फिलिस्तीनी शहर है। यहां मुस्लिमों की संख्‍या अधिक है। बेथलहम शहर को मूल रूप से एफ्राथ कहा जाता था।
 
चर्च ऑफ नेटिविटी, बेथलेहम (फिलिस्तीन, इसराइल) : ईसा मसीह का जन्म 6 ई.पू. नाजारेथ के एक यहूदी बढ़ई के यहां हुआ। जहां उनका जन्म हुआ वहां आज एक चर्च है जिसे आज चर्च ऑफ नेटिविटी कहा जाता है। कॉन्स्टेंटाइन द ग्रेट (330 ईस्वी) की मां सेंट हेलेना द्वारा निर्मित चर्च ऑफ द नेटिविटी, बेथलेहम के केंद्र में पवित्र क्रिप्ट नामक एक कुटी या गुफा के ऊपर स्थित है, जो ईसाई परंपरा के अनुसार, वह स्थान है जहां यीशु का जन्म हुआ था।
 
पानी के रिसाव के कारण वहां जाने वाला तीर्थमार्ग क्षतिग्रस्त है। यहां पर सबसे पहले 339 ईस्वी में एक चर्च पूरा किया गया था और छठी शताब्दी में आग लगने के बाद जिस इमारत ने उसकी जगह ली है, उसमें मूल इमारत के फर्श पर विस्तृत पच्चीकारी को बरकरार रखा गया है। इसमें लातिन, ग्रीक आथरेडॉक्स, फ्रांसिस्कन और आर्मीनियन कॉन्वेंट और गिरजाघरों के साथ-साथ घंटाघर और बगीचे भी शामिल हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

कांस में ऐश्वर्या ने मांग में सजाया सिन्दूर, दुनिया को दिया देश की संस्कृति और ताकत का संदेश

नौतपा 2025 : नवतपा के दौरान क्या करें और क्या न करें: जानें काम की बातें

शनिदेव 138 दिनों तक मीन में चलेंगे वक्री चाल, 4 राशियों को होगा बड़ा लाभ

भारत के इन 5 मंदिरों की संपत्ति जानकर चौंक जाएंगे आप, करोड़ों में आता है चढ़ावा

राहु के कुंभ में गोचर से 4 राशियों का 18 माह तक रहेगा गोल्डन टाइम

सभी देखें

धर्म संसार

28 मई 2025 : आपका जन्मदिन

28 मई 2025, बुधवार के शुभ मुहूर्त

बांग्लादेश का भविष्य कैसा रहेगा, क्या कहते हैं ग्रह नक्षत्र

शनिदेव पर हिन्दी दोहे

श्रीमद्भागवत पुराण में लिखी ये 10 बातें कलयुग में हो रही हैं सच