Christmas 2025: क्रिसमस का त्योहार, जो हर साल 25 दिसंबर को प्रभु यीशु मसीह के जन्म की खुशी में मनाया जाता है, पूरी दुनिया में बड़े उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। यह त्योहार शांति, प्रेम, खुशी और एकता का प्रतीक है। दुनिया भर में क्रिसमस की तैयारियां अपने चरम पर हैं। इस साल की तैयारियों में कई खास चीजें देखने को मिल रही हैं।
1. ईसा मसीह के आगमन की तैयारी: 'एडवेंट' की शुरुआत:-
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क्रिसमस की तैयारी का धार्मिक पर्व 'एडवेंट' (Advent) आधिकारिक तौर पर शुरू हो चुका है। यह प्रभु यीशु के आगमन की तैयारी का समय होता है।
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क्रिसमस से पहले के चार रविवार को 'एडवेंट' माना जाता है, जिसमें ईसाई समाज गिरजाघरों में विशेष प्रार्थना करता है और कैंडल जलाकर खुशी मनाता है।
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गिरजाघरों में रंगाई-पुताई, सजावट और विशेष कैरल सिंगिंग (भजन) के आयोजनों की तैयारियां तेज़ हो गई हैं।
2. क्रिसमस की छुट्टियों और यात्रा की योजना (Holiday Planning):-
लंबा वीकेंड: इस बार क्रिसमस गुरुवार, 25 दिसंबर को पड़ रहा है। कई लोग शुक्रवार, 26 दिसंबर की छुट्टी लेकर चार दिनों की लंबी छुट्टी (Long Weekend) की योजना बना रहे हैं।
यात्रा गंतव्य: गोवा, शिमला, मनाली, और कोच्चि जैसे पर्यटन स्थलों के लिए बुकिंग्स में तेज़ी देखी जा रही है, जो क्रिसमस के दौरान अपनी शानदार सजावट और उत्सव के लिए जाने जाते हैं।
स्कूलों में विंटर ब्रेक: उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में स्कूलों में विंटर ब्रेक/क्रिसमस की छुट्टियाँ 20-23 दिसंबर के आस-पास शुरू हो रही हैं, जिससे परिवारों को जश्न मनाने का पूरा समय मिल रहा है।
3. सजावट और सामुदायिक कार्यक्रम:-
चर्चों की ऐतिहासिक विरासत: दुनिया के सबसे पुराने और ऐतिहासिक चर्चों के बारे में जानकारी साझा की जा रही है, जिन्हें क्रिसमस से पहले भव्य रूप से सजाया जा रहा है।
सामुदायिक समारोह: जगह-जगह क्रिसमस मिलन समारोह और सामुदायिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उदाहरण के लिए, रांची में 9 दिसंबर को बिशप काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा एक बड़ा क्रिसमस मिलन समारोह आयोजित किया जा रहा है।
दिल्ली-NCR की रौनक: दिल्ली-एनसीआर में कनॉट प्लेस, सेलेक्ट सिटी वॉक, और डीएलएफ साइबर हब जैसी जगहों को यूरोपीय थीम पर सजाया जा रहा है, जो उत्सव और सेल्फी के लिए प्रमुख आकर्षण केंद्र बन रहे हैं।
4. दुनिया भर की अनूठी परंपराएँ:-
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क्रिसमस मनाने की विभिन्न देशों की अनोखी परंपराएं चर्चा में हैं, जैसे:
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नॉर्वे में बुरी आत्माओं से बचने के लिए झाड़ू छिपाना।
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जापान में क्रिसमस पर KFC (केंटकी फ्राइड चिकन) खाना।
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जर्मनी में बच्चों के अच्छे व्यवहार पर उनके जूतों में कैंडी रखना।
5. पारंपरिक और आधुनिक उत्सवों का संगम:-
पारंपरिक रीति-रिवाज: लोग अपने घरों और चर्चों को रोशनी, मालाओं और रंगीन सजावटों से सजा रहे हैं। मध्यरात्रि की विशेष प्रार्थनाएँ (मिडनाइट मास), कैरल सिंगिंग (भजन गाना) और 'क्रिसमस ट्री' सजाने की परंपरा पूरे ज़ोरों पर है। सांता क्लॉज़ के उपहार देने की कहानी बच्चों के बीच उत्साह का माहौल बना रही है।
टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल: आधुनिक समय में, वर्चुअल पारिवारिक समारोह, डिजिटल ग्रीटिंग कार्ड्स, ऑनलाइन गिफ्ट शॉपिंग और सोशल मीडिया के माध्यम से उत्सव मनाना भी आम हो गया है, जिससे दूर रहने वाले लोग भी एक-दूसरे से जुड़ पा रहे हैं।
6. वैश्विक संस्कृतियों का मिश्रण (Global Fusion):-
विविध परंपराएँ: दुनिया के अलग-अलग देशों में क्रिसमस मनाने के अपने अनूठे तरीके हैं, जैसे:
भारत में: खूबसूरत रंगों से रंगोली बनाना।
फिलीपींस में: तारे के आकार के लालटेन (परोल्स) से सजावट।
यूरोप में: प्रसिद्ध क्रिसमस बाज़ारों का आयोजन, जहाँ लोग पारंपरिक पकवान और उपहार खरीदते हैं।
नॉर्वे में: मान्यता के अनुसार बुरी आत्माओं से बचने के लिए झाड़ू और पोंछे को छिपाना।
ग्रीस में: 12 दिनों तक दुष्ट गोबलिन (कालीकंतजरोइ) से बचने की लोककथाएँ।
7. पर्यावरण-हितैषी (Eco-Friendly) उत्सव:-
इस साल, लोग पर्यावरण के प्रति जागरूक होकर उत्सव मना रहे हैं:
पुन: प्रयोज्य सजावट (Reusable Décor): लोग टिकाऊ और दोबारा इस्तेमाल किए जा सकने वाले सजावटी सामानों का उपयोग कर रहे हैं।
प्राकृतिक/ऑर्गेनिक सजावट: हस्तनिर्मित कागज़ के गहने, एलईडी लाइट्स और प्राकृतिक सामग्रियों से बनी सजावट को प्राथमिकता दी जा रही है।
रंगोली: प्राकृतिक रंग पाउडर का उपयोग करके रंगोली बनाना भी इसी दिशा में एक कदम है।
8. उपहार और समुदाय पर ध्यान:-
उपहारों का नया चलन: सस्टेनेबल (टिकाऊ) उपहारों, स्मार्ट होम डिवाइस, कस्टमाइजेबल वेलनेस किट और अनुभव-आधारित उपहारों की मांग बढ़ रही है।
सामुदायिक कार्य: जरूरतमंदों के लिए भोजन दान, स्थानीय आश्रयों का समर्थन, और बच्चों के लिए उपहार अभियान जैसे चैरिटी कार्यक्रमों पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
क्रिसमस 2025 में पारंपरिक आस्था और आधुनिकता, और सामुदायिक जुड़ाव का एक सुंदर मिश्रण देखने को मिल रहा है।