एक वक्त था जब कोरोना से जान बचाने के लिए वैक्सीन ही एकमात्र सहारा था। जब इसे लाया गया तो कई लोगों के स्लॉट बुक नहीं हो रहे थे। लोगों को लंबे समय तक अपनी वैक्सीन डोज का इंतजार करना पड़ा। लंबी लाइनों में लगकर लोगों ने वैक्सीन का इंतजार किया। इसके बाद बूस्टर डोज के लिए भी सरकार को लोगों से अपील करनी पडी। लेकिन अब ये आलम है कि कोई बूस्टर डोज लगाने के लिए तैयार नहीं है। रिपोर्ट बताती है कि लाखों की तादात में वैक्सीन के बूस्टर डोज खराब हो रहे हैं। आखिर भारत में बूस्टर डोज लगाने को लेकर लापरवाही क्यों हो रही है।
दूसरी तरफ डब्लूएचओ ने कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर डरावनी बात कही है। डब्लूएचओ की तरफ से कहा गया है कि कोरोना का नया वैरिएंट पिछले सारे वैरिएंट से ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसे में लापरवाही भारी पड सकती है।
क्या कहा अदार पूनावाला ने?
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सीईओ अदार पूनावाला ने अपने एक बयान में इस बात की पुष्टि की है कि भारत में लाखों की संख्या में वैक्सीन के डोज बर्बाद हो रहे हैं। पूनावाला के मुताबिक उनकी कंपनी की कोविशील्ड वैक्सीन की लाखों डोज बर्बाद हो रही है। भारत में उसका इस्तेमाल करने के प्रति लोगों में खासी अरूचि है। पूनावाला के मुताबिक कंपनी के पास इस वक्त करीब 100 मिलियन डोज पड़े हैं, जो बर्बाद हो रहे हैं। यह हालात तब हैं जब पिछले दिसंबर में ही उनकी कंपनी ने कोविशील्ड बनाना बंद कर दिया था।
WHO: सबसे खतरनाक है नया वेरिएंट XBB
इधर कोरोना के नए वेरिएंट को बेहद खतरनाक माना जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की चीफ साइंटिस्ट डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने इस बारे में अपना बयान जारी करते हुए कहा कि कोरोना के नए वेरिएंट SARS-CoV-2 की संवेदनशीलता को देखते हुए उन सभी लोगों को डोज लगाना चाहिए, जिनकी रोगप्रतिरोधक क्षमता यानी इम्युनिटी कमजोर है। डब्लूएचओ के मुताबिक नया वेरिएंट XBB ओमीक्रोन के 300 सब वेरिएंट की तुलना में ज्यादा खतरनाक है। यह भी कहा जा रहा है कि यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी धोखे में डाल सकता है। ऐसे में वैक्सीन और बूस्टर डोज ही वो बचाव है जिसका सहारा लिया जा सकता है।
Edited: By Navin Rangiyal