महाकाल के शहर उज्जैन से Ground Report, कोरोना के आंकड़ों ने बढ़ाई चिंता

वृजेन्द्रसिंह झाला
दूर तक सड़कों पर पसरा सन्नाटा। स्वप्रेरणा से घरों में कैद शहरवासी। यह हाल है महाकालेश्वर की नगरी उज्जैन का, जहां सिंहस्थ महाकुंभ के समय पूरे नगर में पांव धरने की लिए जगह नहीं होती। शहर के मंदिरों में आस्था के स्वर मौन हैं तो मस्जिदों में भी कोई हलचल नहीं है। दरअसल, कोरोना (Corona) शहर की रौनक को ही लील गया है। 
 
धीरे-धीरे यह सन्नाटा डर में बदलता जा रहा है क्योंकि उज्जैन मध्यप्रदेश के उन तीन बड़े शहरों में शामिल है, जहां कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या सर्वाधिक है। शनिवार तक उज्जैन कोरोना संक्रमित लोगों की संख्‍या 103 हो गई, जो कि इंदौर और भोपाल के बाद सबसे ज्यादा है। इस बढ़ते आंकड़े ने शहरवासियों की चिंता बढ़ा दी है। 
 
शहर में 20 से ज्यादा कंटेनमेंट इलाके : कोरोना मरीजों के चलते शहर में 20 से ज्यादा कंटेनमेंट इलाके बन गए हैं। उज्जैन की सीएमएचओ डॉ. अनुसूया गवली ने वेबदुनिया से बातचीत में बताया कि शनिवार तक शहर में कोरोना संक्रमितों की संख्‍या 103 हो गई है, जबकि मरने वालों का आंकड़ा 15 तक पहुंच गया है।
 
डॉ. गवली ने बताया कि 5 लोग स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। करीब इतने ही लोगों को अंतिम रिपोर्ट आने के बाद छुट्‍टी दे दी जाएगी। शहर में 6 क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। इनमें 2 में लोगों को रखा गया है, जबकि 4 की अभी जरूरत महसूस नहीं हुई। उन्होंने बताया कि प्रशासन किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तत्पर है। 
 
मुख्‍यमंत्री की चेतावनी : हालांकि संतोष की बात यह हो सकती है कि 25 अप्रैल को शहर में एक ही रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। दूसरी ओर, आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज अस्‍पताल की व्यवस्थाओं को लेकर भी लोगों में काफी असंतोष है। इसे कोविड के रेड अस्‍पताल के रूप में चिन्‍हित किया है। मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी निर्देश दिए हैं कि अव्यवस्थाओं को तुरंत सुधारा जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि व्‍यवस्‍थाओं में थोड़ी भी कोताही बर्दाश्‍त नहीं की जाएगी।
स्थानीय लोगों का मानना है कि लॉकडाउन में लोग भले ही घरों से नहीं निकल पा रहे हैं, लेकिन आवश्यकता की वस्तुएं उन्हें आसानी से उपलब्ध हो रही हैं। हॉटस्पॉट वाले इलाकों में जरूर ज्यादा सख्ती है। इसी सिलसिले में जनमेजय सिंह सिकरवार ने बताया कि किराना और दूध की घर पहुंच सेवा सहजता जारी है, जबकि दवा की दुकानें शाम 4 बजे तक खुली रहती हैं। एक-दो दिन पहले तक तो साग-सब्जी भी आसानी से उपलब्ध थी। 
 
वहीं, श्याम बाहेती ने बताया कि अधिकांश लोग लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं, लेकिन जहां रेड जोन नहीं हैं उन इलाकों की कालोनियों में लोग रात समय सड़क पर घूमने निकल जाते हैं। ऐसे लोगों को पुलिस डांट-फटकार कर वापस घरों में भेज देती है। आमतौर पर नए शहर में तो नागरिकों को कोई परेशानी नहीं है।
 
 
 
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

CJI चंद्रचूड़ की टिप्पणी पर SC जजों ने जताई आपत्ति, जानिए क्या कहा

सावधान! नए रैपर में एक्सपायरी दवाएं तो नही खा रहे आप

उमर अब्दुल्ला को याद आए अटल जी, हम दोस्त बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं

INDIA की 7 गारंटी, 10 लाख नौकरियां, 450 रुपए में गैस सिलेंडर

रायबरेली में राहुल गांधी, कहा- जब भी यहां आता हूं, रिश्ता और गहरा हो जाता है

सभी देखें

नवीनतम

live : अमेरिकी चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को बढ़त, स्विंग स्टेट्स में कमला हैरिस का पलड़ा भारी

पाकिस्तानी सुरक्षा गार्ड ने 2 चीनी नागरिकों को गोली मारी

मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग से प्रोफेशनल डिग्री पा सकते हैं छात्र

सैनिकों के पीछे हटने के बाद अब भारत और चीन के बीच विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता

2024 US Elections: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग, किसका पलड़ा भारी