भारत के 130 करोड़ लोगों ने Corona के खिलाफ दुनिया को दिया एकजुटता का अनोखा संदेश

सीमान्त सुवीर
रविवार 5 अप्रैल की तारीख दुनिया के इतिहास में उस वक्त दर्ज हो गई, जब घड़ी की सुई के कांटे ने जैसे ही रात के 9 बजकर 9 मिनट बजाए, वैसे ही देश के 130 करोड़ लोगों ने अपने घरों की रोशनी बंद करके मोमबत्ती, टार्च और मोबाइल की फ्लैश लाइट से ऐसा उजाला किया कि पूरी दुनिया देखते ही रह गई। असल में देशवासियों ने कोरोना वायरस (Corona Virus) के खिलाफ दुनिया को अपनी एकजुटता का अनोखा संदेश भी दिया।

मोदी ने जलाया दीप : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सरकारी आवास पर दीप प्रज्ज्वलित किया। यही नहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पत्नी साधना सिंह व परिवार के साथ दीप जलाए। 

ट्‍विटर पर भी #9बजे9मिनट, #Diwali #LightsOfHope हैशटेग टॉप ट्रेड करने लगे। बॉलीवुड और राजनीतिक हस्तियों ने भी दीप जलाते हुए कोरोना के खिलाफ एकजुटता का संदेश दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की माताजी हीराबेन ने भी दीप प्रज्वलित किया।
 
कोरोना वायरस की विश्वव्यापी त्रासदी से जब पूरी दुनिया में निराशा का भाव है, तब भारतीयों ने एक उम्मीद की लौ जलाई...रात 9 बजकर 9 मिनट पर 130 करोड़ देशवासियों ने रोशनी जलाकर डर का अंधेरा भगाया। भारत ने दिखा दिया कि कोरोना की महामारी के बाद भी वह अंधकार से उम्मीदों के उजाले की तरफ अपने कदम बढ़ा चुका है।
असल में देश के 130 करोड़ लोगों की एकजुटता का यह घोषित शंखनाद था, जिसमें गूंज भले ही ना हो लेकिन दुनिया में यह साबित करने के लिए काफी था कि पूरा देश एक मजबूत माला के मोतियों में बंधा हुआ है, इसे कोई भी ताकत अलग नहीं कर सकती।
 
देश और दुनिया जानलेवा कोरोना के जिस संकट के दौर से गुजर रही है, वह बेहद त्रासदीदायक और भयावह है। रात 9 बजकर 9 मिनट पर 9 मिनट की छोटी-सी उम्मीद की रोशनी ने देशवासियों का हौसला बढ़ाया है।

9 मिनट तक दिये, मोमबत्ती, टॉर्च, मोबाइल लाइट की रोशनी की इस अनोखी पहल ने पूरी दुनिया में यह संदेश दिया है कि जब भी कोई मुसीबत आएगी, 130 करोड़ लोगों का यह प्यारा देश पूरी एकजुटता के साथ खड़ा रहेगा।



कोरोना की लड़ाई में 22 मार्च से पूरा देश लॉकडाउन में बंद है। हमने 9 मिनट तक उम्मीद की रोशनी का उजाला करके यह संकल्प भी लिया कि हमें इस देश को नई ऊंचाईयों पर ले जाना है। कोराना ने सब कुछ खत्म नहीं किया है। मुश्किलें जरूर हैं लेकिन हौसला उनसे कहीं अधिक ऊंचा है।

पुणे में भी लोगों ने जलाए दीपक : भारत में कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा असर महाराष्ट्र पर हुआ है। मुंबई और पुणे कोरोना की निराशा के बीच 5 अप्रैल को रात लोगों ने उम्मीद के दिये जलाए। वाकड़ में दत्त मंदिर के निकट बनी बहुमंजिला इमारतों में भी लोगों ने दीप जलाए। यहां पर लॉकडाउन के कारण किसी को बाहर निकलने की अनुमति नहीं थी। 

अहमदाबाद भी रोशन हुआ : अहमदाबाद के लोगों ने मोदी की अपील पर रात को 9 बजकर 9 मिनट पर अपने घरों को दीपों से सजाया। यहां भी बहुमंजिला इमारतों में घरों की लाइटें बंद करके टैरेस पर दीप जलाए।




इंदौर के लोगों का अति उत्साह : मोदी की अपील का लोगों में इतना उत्साह था कि उन्होंने घड़ी की सुइयों को 9 तक भी नहीं आने दिया। कई क्षेत्रों में लोगों ने दीपक जलाने के साथ ही खूब आतिशबाजी भी की। ऐसा माहौल हो गया मानो दीपावली का त्योहार हो। लोग उत्साह में छत पर खड़े होकर चिल्ला रहे थे। कई जगह तो सीटियों की आवाज भी सुनाई दे रही थी।

पूरे इंदौर ने मनाया उत्सव : कोरोना को हराने के लिए भले ही अभी लंबी लड़ाई लड़नी है लेकिन रविवार की रात को जिस तरह इंदौर का नजार था, उसने यह तो साबित कर ही दिया कि चाहे कितनी भी प्रतिकूल स्थिति हो, वे अपनी खुशी का इजहार करने से पीछे नहीं हटेंगे। डोन कैमरे से जब इंदौर का चित्र लिया गया, उसमें साफ पता चला है कि शहर का ऐसा कोई कोना नहीं रहा, जहां पटाखे न फूटे हों। 

साकेत इलाके में मन गई दिवाली : प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को अपने घरों में दीपक और रोशनी करने का निवेदन किया था लेकिन उत्सव प्रेमी इंदौरियों को तो सड़क पर उतरने की लत पड़ी हुई है। 5 अप्रैल की रात 9 बजे बाद शहर के पॉश इलाके कहे जाने वाले साकेत में भी लोगों ने जमकर आतिशबाजी की और दीपावाली से पहले ही दिवाली मना ली। जब पुलिस की गाड़ी सायरन बजाते पहुंची तो उत्साही लोग अपने घरों में चले गए।

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