इंदौर (मध्यप्रदेश)। देश में कोरोना वायरस के प्रकोप से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल इंदौर में इस वैश्विक महामारी से 82 वर्षीय मरीज की मौत हो गई है। इसके साथ ही जिले में इस वायरस के संक्रमण से मरने वाले मरीजों की तादाद बढ़कर 77 पर पहुंच गई है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) प्रवीण जड़िया ने सोमवार को बताया कि कोविड-19 से संक्रमित 82 वर्षीय पुरुष ने रविवार को एक निजी अस्पताल में आखिरी सांस ली। वह मधुमेह और श्वसन तंत्र संबंधी रोग (सीओपीडी) से पहले ही जूझ रहा था।
सीएमएचओ ने बताया कि रेड जोन में शामिल जिले में पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस के 43 और मरीज मिलने के बाद इस महामारी की जद में आए लोगों की तादाद 1,568 से बढ़कर 1,611 पर पहुंच गई है। इनमें से 362 मरीजों को इलाज के बाद स्वस्थ होने पर अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि स्थानीय अस्पतालों के कोविड-19 वार्ड से सोमवार को 100 से ज्यादा मरीजों को छुट्टी दी जाएगी। इलाज के बाद वे इस महामारी के संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। सीएमएचओ ने जिले में कोविड-19 की स्थिति नियंत्रण में होने का दावा करते हुए कहा कि अगर आम लोगों ने लॉकडाउन के तीसरे चरण में सरकारी हिदायतों का पूरी तरह पालन किया तो जिले में इस महामारी के हालात में और सुधार होगा। इंदौर जिले की आबादी 35 लाख से ज्यादा है।
जड़िया ने दावा किया कि कोविड-19 के सर्वेक्षण के दौरान जिले के 28.33 लाख लोगों तक पहुंचा जा चुका है। उन्होंने बताया कि हमने सर्वेक्षण के दौरान सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार और सांस लेने में दिक्कत के लक्षणों के आधार पर करीब 9,000 लोगों को छांटा है। कोविड-19 की जांच के लिए इनके नमूने लिए जाने का अभियान सोमवार से शुरू कर दिया गया है।
ताजा आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि सोमवार सुबह की स्थिति में जिले में कोविड-19 के मरीजों की मृत्यु दर 4.78 प्रतिशत थी। हालांकि पिछले 25 दिनों के दौरान इसमें बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। इंदौर में प्रशासन ने 25 मार्च से शहरी सीमा में कर्फ्यू लगा रखा है जबकि जिले के अन्य स्थानों में सख्त लॉकडाउन लागू है।
इस बीच अधिकारियों ने बताया कि लॉकडाउन के सोमवार से शुरू हुए तीसरे चरण में भी जिले में प्रशासन के पुराने प्रतिबंधात्मक आदेश प्रभावी रहेंगे और निजी संस्थान एवं कार्यालय, दुकानें, पब, बार, शराब के ठेके आदि खोले जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सभी धर्मस्थल भी श्रद्धालुओं के लिए पूर्ण रूप से बंद रहेंगे। (भाषा)