लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित 26 नए मामले मिलने से राज्य में संक्रमित मरीजों की सख्या बढ़कर 387 हो गई है।
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने गुरुवार को यहां बताया कि राज्य में बुधवार रात तक कोरोना वायरस से संक्रमित 26 नए मामले मिले हैं। राज्य में इस वायरस से पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 387 हो गई है। उन्होंने बताया कि आगरा में सबसे ज्यादा वृद्धि दर्ज की गई, जहां कुल संख्या 84 हो गई। नए मामलों में 19 आगरा से, 4 लखनऊ से, दो सीतापुर में और एक हरदोई में मिले है।
राज्य सरकार ने आधी रात के बाद से 15 जिलों में 100 से अधिक हॉटस्पॉटों को सील कर दिया है। यह 15 अप्रैल की सुबह तक लागू रहेगा। आगरा और गौतम बुद्ध नगर जिले में सबसे अधिक 22 हॉटस्पॉट हैं, इसके बाद गाजियाबाद में 13, लखनऊ में 12 और कानपुर में 10 हैं।
कोविड-19 वायरस के कारण बस्ती, मेरठ, वाराणसी और आगरा से एक-एक मरीजों की मृत्यु हो जाने के बाद राज्य में अब चार मौतें हो चुकी हैं। हालांकि, इस दौरान 27 मरीज ठीक हुए हैं।
आगरा के जिलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह के अनुसार जिले में बुधवार की रात 19 नए कोरोना वायरस पॉजिटिव मामलों की पुष्टि हुई, जिससे जिले में कुल मरीजों की संख्या 84 हो गई है।
गौरतलब है कि लॉकडाउन के बावजूद कई इलाकों में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की बढ़ी सख्या को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने 15 जिलों के 100 से अधिक हॉट स्पॉटों को बुधवार आधी रात के बाद सील कर दिया। इस क्षेत्रों में घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगी हुई है। आवश्यक वस्तुओं की डिलीवरी घर पर ही की जा रही है।
सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन : राज्य के गोरखपुर और आसपास के क्षेत्रों में प्रशासन कोरोना संक्रमण के लिए युद्धस्तर पर रोकथाम के प्रयास कर रहा है। जिलाधिकारी के विजयेन्द्र पांडियन ने बताया कि विभिन्न स्थानों से सोशल डिस्टेंसिंग का सही से पालन नही होने की जानकारी मिली है। लॉकडाउन के दौरान वितरण राशन की दुकानों, बैंकों और अन्य स्थानों पर आम जनमानस में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कड़ाई से कराया जाए।
स्कूलों में क्वारंटाइन : उन्होंने बताया कि मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, हैदराबाद आदि अन्य स्थानों से आए हुए लोगों को गोरखपुर जिले के सहजनवा, पिपराइच, कौड़ीराम, बड़हलगंज के प्राथमिक विद्यालयों में क्वारंटाइन किया गया है। गोरखपुर स्थित बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज में बने जांच सेंटर में संभावित मरीजों की जांच हो रही है।
इस बीच विभिन्न सामाजिक संगठनों ने जांच में देरी और लापरवाही बरतने का भी आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पड़ोसी जिला महराजगंज के नौतनवा से आई एक 50 वर्षीय महिला को सांस लेने में तकलीफ की शिकायत पर मेडिकल कॉलज में भर्ती किया गया, जहां 24 घंटे के बाद उसकी मृत्यु हो गई। लेकिन, कोरोना वायरस में संक्रमित होने की जांच नहीं की गई। (वार्ता)