नई दिल्ली। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) अब तक ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका कोविड-19 टीके की करीब 5 करोड़ खुराक का उत्पादन कर चुकी है। कंपनी ने सोमवार को कहा कि उसका लक्ष्य अगले साल मार्च तक 10 करोड़ खुराक के उत्पादन का है।
कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अदार पूनावाला ने सोमवार को यहां संवाददाताओं को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि अभी हमें इस टीके के आपात इस्तेमाल के अधिकार की मंजूरी का इंतजार है। कंपनी ने बच्चों के लिए देश में पहली बार बनी वैक्सीन न्यूमोसिल पेश की है। कंपनी ने कहा कि कोविड-19 के टीके का उत्पादन सरकार की ओर से आने वाली कुल मांग पर निर्भर करेगा।
भारत में तत्काल कोविड-19 वैक्सीन पेश करने की जरूरत के मद्देनजर एसआईआई ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय तथा एस्ट्रोजेनका के साथ कोविशील्ड के विनिर्माण के लिए भागीदारी की थी। पुणे की कंपनी ने कोविड-19 टीके के आपात इस्तेमाल के लिए भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई) के पास आवेदन किया है।
पूनावाला ने कहा कि हम पहले ही टीके की 4 से 5 करोड़ खुराक का विनिर्माण कर चुके हैं। लॉजिस्टिक्स के मुद्दों की वजह से शुरुआत में टीके को पेश करने की रफ्तार धीमी रहेगी। हालांकि, एक बार चीजें व्यवस्थित होने के बाद हम तेजी से टीका उतार सकेंगे।
उन्होंने कहा कि कंपनी की योजना अगले साल मार्च तक टीके का मासिक उत्पादन 10 करोड़ खुराक तक करने की है। पूनावाला ने बताया कि ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका टीके को ब्रिटेन में जल्द मंजूरी मिल जाएगी। अगले महीने तक भारत में भी टीके को मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि ज्यादातर उत्पादन भारत को मिलेगा। हालांकि, वैश्विक पहल कोवैक्स के तहत कुछ टीकों को अन्य देशों को भी दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले 6 माह के दौरान टीकों की कुछ कमी हो सकती है। लेकिन अन्य विनिमिर्ताओं द्वारा आपूर्ति शुरू करने के बाद अगस्त-सितंबर तक चीजें ठीक हो जाएंगी।
उन्होंने कहा कि ज्यादातर उत्पादन भारत को मिलेगा। हालांकि, वैश्विक पहल कोवैक्स के तहत कुछ टीकों को अन्य देशों को भी दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले 6 माह के दौरान टीकों की कुछ कमी हो सकती है, लेकिन अन्य विनिमिर्ताओं द्वारा आपूर्ति शुरू करने के बाद अगस्त-सितंबर तक चीजें ठीक हो जाएंगी। (भाषा)