नई दिल्ली। देश के करीब 44 प्रतिशत ग्रामीण कोविड-19 रोधी टीके के लिए भुगतान करने को तैयार हैं, वहीं भारत के गांवों में आधे से अधिक आबादी मानती है कि कोरोनावायरस का संकट चीन की साजिश का नतीजा है। एक सर्वेक्षण के मंगलवार को जारी परिणामों में यह बात सामने आई है।
'गांव कनेक्शन' अखबार द्वारा 16 राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश के 60 जिलों में 6,040 ग्रामीण प्रतिभागियों के बीच कराए गए सर्वेक्षण में सामने आया कि 36 प्रतिशत लोगों ने टीके के लिए भुगतान नहीं करने की बात कही, बाकी 20 प्रतिशत ने कहा कि उन्होंने इस बारे में फैसला नहीं किया है। जो ग्रामीण टीके के लिए शुल्क अदा करने को तैयार हैं, उनमें से दो-तिहाई ने कहा कि जब भी टीका उपलब्ध होगा, वे उसकी 2 खुराक के लिए 500 रुपए तक का भुगतान कर सकते हैं।
इस बीच कम से कम 51 प्रतिशत ग्रामीण प्रतिभागियों ने कोरोनावायरस संकट को चीन की साजिश करार दिया और करीब 18 प्रतिशत ने इसे सरकार की नाकामी के रूप में देखा। करीब 20 प्रतिशत ने कहा कि वे इसे भगवान का किया मानते हैं, वहीं 22 प्रतिशत ने महामारी के लिए जनता की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया। 18 प्रतिशत लोगों ने इस बारे में कोई राज्य व्यक्त नहीं की। लोगों से आमने-सामने बातचीत करके 1 से 10 दिसंबर के बीच सर्वेक्षण कराया गया। ' गांव कनेक्शन' के अनुसार सर्वेक्षण के परिणामों में 5 प्रतिशत की त्रुटि हो सकती है। (भाषा)