इंदौर। मध्यप्रदेश में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित इंदौर जिले में मधुमेह रोगियों के लिए यह महामारी ज्यादा घातक साबित हो रही है। जिले में पिछले साढ़े 8 महीनों के दौरान महामारी से दम तोड़ने वाले कुल 803 मरीजों में से करीब 49 फीसदी लोग मधुमेह से पहले ही जूझ रहे थे। कोविड-19 की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की गठित स्क्रीनिंग टीम के प्रभारी अनिल डोंगरे ने शुक्रवार को एक अध्ययन के हवाले से यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि कोरोनावायरस संक्रमण की नई लहर के मद्देनजर मधुमेह रोगियों को इस महामारी से बचाव की विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्हें नियमित दवाएं लेते हुए अपने रक्त में शर्करा का स्तर नियंत्रित रखना चाहिए, खान-पान का खास ध्यान रखना चाहिए और व्यायाम करना चाहिए। डोंगरे ने बताया कि जिले में कोविड-19 के इलाज के दौरान दम तोड़ने वाले 803 मरीजों में से करीब 43 फीसदी रोगी हाईपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) के पुराने मरीज थे जबकि लगभग 26.50 प्रतिशत मरीज ऐसे थे, जो मधुमेह और उच्च रक्तचाप दोनों बीमारियों से पहले ही जूझ रहे थे।
उन्होंने बताया कि मरने वालों में 15 फीसदी तादाद हृदय रोगियों की थी, वहीं 9.5 प्रतिशत मरीज दमा (अस्थमा) के शिकार थे। अधिकारियों ने बताया कि करीब 35 लाख की आबादी वाले जिले में 24 मार्च से लेकर 10 दिसंबर तक महामारी के कुल 47,839 मरीज मिले हैं। इनमें से 803 मरीजों की मौत हो चुकी है जबकि 42,036 लोग इलाज के बाद कोरोनावायरस संक्रमण से मुक्त हो गए हैं। उन्होंने बताया कि जिले में फिलहाल कोरोनावायरस संक्रमण के 5,000 मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इनमें घरों में क्वारंटाइन (होम आइसोलेशन) में रखे गए मरीज शामिल हैं। (भाषा)