भोपाल। मध्यप्रदेश में मंगलवार को कोरोनावायरस संक्रमण के 990 नए मामले सामने आए और इसके साथ ही प्रदेश में इस वायरस से अब तक संक्रमित पाए गए लोगों की कुल संख्या 47,375 तक पहुंच गई। प्रदेश सरकार के एक और मंत्री कोरोनावायरस की चपेट में आ गए हैं।
प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। यादव कल उज्जैन में भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ एक कार्यक्रम में एक ही मंच पर दिखाई दिए थे। सिंधिया भी दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल से कोरोना का इलाज करवाकर स्वस्थ होकर लौटे हैं।
1,141 लोगों की मौत : राज्य में पिछले 24 घंटों में इस बीमारी से 13 और व्यक्तियों की मौत की पुष्टि हुई है, जिससे मरने वालों की संख्या 1,141 हो गई है। प्रदेश के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश में कोरोनावायरस संक्रमण से भोपाल में पांच, विदिशा में दो एवं इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, नीमच, छतरपुर और रतलाम में एक- एक मरीज की मौत हो गई।
सबसे अधिक मौतें इंदौर में : राज्य में अब तक कोरोना वायरस से सबसे अधिक 345 मौत इंदौर में हुई हैं। भोपाल में 248, उज्जैन में 76, सागर में 40, जबलपुर में 54, बुरहानपुर में 25, खंडवा में 20, ग्वालियर में 25 एवं खरगोन में 23 लोगों की मौत हुई है। बाकी मौतें अन्य जिलों में हुई हैं।
अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में मंगलवार को कोविड-19 के सबसे अधिक 142 नए मामले इंदौर जिले में आए हैं, जबकि जबलपुर में 88, भोपाल में 110, ग्वालियर में 83, खरगोन में 34, अलीराजपुर में 30, एवं राजगढ़ में 39 नए मामले सामने आए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुल 47,375 संक्रमितों में से अब तक 35,713 मरीज स्वस्थ होकर घर चले गए हैं और 10,521 मरीजों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। उन्होंने कहा कि मंगलवार को 688 रोगियों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में राज्य में कुल 3,7580 निषिद्ध क्षेत्र हैं।
बेकाबू होता संक्रमण, बेबस सरकार : पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि राज्य में कोरोना संक्रमण फैलता ही जा रहा है। राज्य सरकार को इसे काबू करने के लिए आवश्यक गंभीर कदम उठाने चाहिए।
उन्होंने पत्र में कहा कि अगस्त, 2020 के मध्य तक प्रति 10 लाख आबादी पर मध्प्रदेश में औसतन 12,000 कोविड-19 जांच की गई जबकि दिल्ली, आंध्रप्रदेश और असम जैसे राज्यों में यह औसत 50,000 से भी अधिक है। आंकड़ों के अनुसार, जांच करने में मध्यप्रदेश की स्थिति कोरोनावायरस से सर्वाधिक प्रभावित देश के 15 राज्यों में अंतिम है। यह बेहद चिंताजनक है।
कमलनाथ ने कहा कि बड़े अफसोस की बात है कि देश के अन्य प्रदेशों की तुलना में प्रदेश में कोरोनावायरस के जांच आज भी अत्यंत कम संख्या में हो रही है, जबकि इस महामारी को नियंत्रित करने का एकमात्र तरीका है संक्रमित लोगों को चिन्हित कर उन्हें स्वस्थ लोगों से अलग किया जाए। (एजेंसियां)