नई दिल्ली। आईसीएआर-एनआईएचएसएडी द्वारा एवियन फ्लू (एआई) की पुष्टि के बाद मध्यप्रदेश के शिवपुरी, राजगढ़, शाजापुर, आगर, विदिशा, उत्तरप्रदेश के जूलॉजिकल पार्क, कानपुर और राजस्थान के प्रतापगढ़ व दौसा जिलों में प्रवासी पक्षियों में एवियन फ्लू के मामले दर्ज किए गए हैं।
विभाग ने प्रभावित राज्यों के लिए परामर्श जारी किया है ताकि बीमारी का प्रसार रोका जा सके। अभी तक 7 राज्यों (केरल, राजस्थान, मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, गुजरात और उत्तरप्रदेश) में इस बीमारी की पुष्टि हो चुकी है। दिल्ली में कौवों के मौत के बाद इनके नमूने जांच के लिए भेज गए हैं और रविवार को कर्नाटक के दक्षिण क्षेत्र में एक खंबे के नीचे दो चीलों की मौत के बाद इनमे नमूने भी जांच के लिए बेंगलुरू भेज दिए गए हैं।
छत्तीसगढ़ राज्य के बालोद जिले में 8 जनवरी की रात और 9 जनवरी की सुबह मुर्गियों और जंगली पक्षियों की असामान्य मृत्यु की खबरें आई हैं। राज्य ने आपात स्थिति के लिए आरआरटी दलों का गठन कर दिया है और निर्दिष्ट प्रयोगशाला को नमूने भी भेज दिए गए हैं।
इसके अलावा संजय झील, दिल्ली से भी बत्तखों की असामान्य मृत्यु की खबरें प्राप्त हुई हैं। परीक्षण के लिए नमूने निर्दिष्ट प्रयोगशाला को भेज दिए गए हैं। महाराष्ट्र के मुंबई, ठाणे, दापोली, परभणी और बीड जिलों से एआई की पुष्टि के लिए मृत कौओं के नमूने एनआईएचएसएडी को भेज दिए गए हैं।
इसके अलावा केरल के दो प्रभावित जिलों में पक्षियों को मारने का अभियान पूरा हो गया है और केरल राज्य में पोस्ट ऑपरेशनल सर्विलांस प्रोग्राम से जुड़े दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। केरल, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के प्रभावित इलाकों की निगरानी के उद्देश्य से भ्रमण के लिए केंद्रीय दल नियुक्त कर दिए गए हैं और केरल में महामारी की जांच के लिए केंद्रीय दल पहुंच गए हैं।
राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों के मुख्य सचिवों/ प्रशासकों को भेजे पत्र में सचिव डीएएचडी ने राज्य पशुपालन विभागों से बीमारी की स्थिति पर नजर रखने के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ प्रभावी संवाद और समन्वय सुनिश्चित करने तथा इंसानों में बीमारी के प्रसार की संभावनाओं से बचने का अनुरोध किया है। इसके अलावा, जल स्रोतों, पक्षी बाजारों, चिड़ियाघरों, पोल्ट्री फार्म्स आदि के आस-पास निगरानी बढ़ा दी गई है, पक्षियों के अवशेषों का उचित निस्तारण और पोल्ट्री फार्म्स में मजबूत जैव सुरक्षा सुनिश्चित की गई है। राज्यों से भी एवियन फ्लू की किसी घटना को लेकर तैयार रहने का अनुरोध किया गया है और पक्षियों को मारने के अभियान के लिए पीपीई किट्स और एसेसरीज का पर्याप्त भंडार सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।
मुख्य सचिवों/ प्रशासकों से अफवाहों से प्रभावित उपभोक्ताओं के लिए उचित परामर्श जारी करने की व्यवस्था करने और ऐसे पोल्ट्री या पोल्ट्री उत्पादों की सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने का अनुरोध किया गया है जो उबालने/ पकाने के बाद खाने के लिए सुरक्षित हैं। राज्यों के लिए डीएएचडी का सहयोग भी सुनिश्चित कर दिया गया है।
देश भर में करीब 1,200 पक्षियों के मृत पाए जाने के एक दिन बाद केंद्र ने विभिन्न चिड़ियाघर प्रबंधनों को निर्देश दिया कि वे केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सीजेडए) को दैनिक रिपोर्ट भेजें और ऐसा तब तक जारी रखें जब तक कि उनके इलाके को रोगमुक्त घोषित नहीं कर दिया जाता। (एजेंसियां)