भोपाल। लॉकडाउन के दौरान नसिक से भोपाल लाए गए मजूदरों से किराया वसूले जाने के मामले ने अब सियासी रंग ले लिया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मजदूरों से किराया लिए जाने को लेकर केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए मजदूरों के पूरे किराए के कांग्रेस पार्टी के द्धारा वहन करने की बात कही गई, वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मजदूरों से किराया वसूले जाने को लेकर मोदी सरकार से सवाल पूछा है।
राहुल ने ट्वीट करते लिए लिखा कि एक तरफ रेलवे दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों से टिकट का भाड़ा वसूल रही है वहीं दूसरी तरफ रेल मंत्रालय पीएम केयर फंड में 151 करोड़ का चंदा दे रहा है जरा ये गुत्थी सुलझाइए।
मध्यप्रदेश की सियासत गरम - मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस पूरे मुद्दे पर शिवराज सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ महीने से प्रदेश के लाखों मजूदर विभिन्न प्रदेशों में भटक रहे थे और तब ना राज्य सरकार और ना केंद्र सरकार ने उनकी कोई सहायता की। कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मजूदरों के ट्रेन और बस का किराया कांग्रेस पार्टी के द्धारा उठाने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी पूरी राशि को उपलब्ध कराएगी।
शिवराज का पलटवार - कांग्रेस के आरोपों के बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर पलटवार किया है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट करते हुए कांग्रेस पर दुख के समय राजनीति करने का आरोप लगाते हुए दिखावे की राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अब तक 60 हजार श्रमिकों को प्रदेश में वापस लाया जा चुका है। इसके साथ ही प्रदेश में दूसरों राज्यों के श्रमिकों को उनके राज्यों में सम्मान के साथ भिजवाया गया है।
मजूदरों का किराया सरकार भरेगी - मजूदरों से किराया वसूले जाने के मामले के सियासी तूल पकड़न के बाद आज मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार ने मजदूरों के किराया नहीं लिए जाने के संबंध में आदेश जारी किए है। आदेश में कहा गया है कि अन्य प्रदेशों में फंसे मध्यप्रदेश के श्रमिकों को श्रमिक स्पेशल ट्रेन से प्रदेश लाने में उनके किराये का भुगतान शासन द्वारा किया जायेगा।
अपर मुख्य सचिव एवं प्रभारी स्टेट कंट्रोल रूम आई.सी.पी. केशरी ने स्टेट कॉर्डिनेटर और कलेक्टरों को प्रभार के राज्यों के नोडल अधिकारी एवं रेलवे से समन्वय कर इस निर्णय के क्रियान्वयन के निर्देश दिए है।
क्या है पूरा विवाद – दरअसल लॉकडाउन के दौरान नासिक से भोपाल आई श्रमिक स्पेशल ट्रेन में मजदूरों से किराया लिए जाने की खबर सामने आने के बाद हड़कंप मच गया था। वेबदुनिया ने मजदूरों से किराया लिए जाने की खबर को प्रमुखता से कवर किया था जिसके बाद इस पूरे मुद्दे पर सरकार को काफी आलोचना का सामना करना पड़ रहा था।
रेलवे की सफाई – इस बीच इस पूरे मामले को लेकर रेलवे ने सफाई दी है। रेलवे के मुताबिक वह प्रवासी मजदूरों को कोई टिकट नहीं बेच रही है। रेलवे केवल राज्य सरकारों से श्रमिक स्पेशल ट्रेन का मानक किराया ले रहा है जो कुल लगात का महज 15 फीसदी है।