चीन ने किया कोरोना की सुपर वैक्सीन बनाने का दावा, 10 लाख लोगों में नहीं दिखा साइड इफेक्ट

Webdunia
शनिवार, 21 नवंबर 2020 (21:51 IST)
बीजिंग/ लंदन। दुनियाभर में कोविड-19 की वैक्सीन को लेकर लगातार ट्रायल चल रहे हैं। कई कंपनियों ने अपनी वैक्सीन के सफल होने के दावे भी किए हैं। इस बीच दुनिया को कोरोनावायरस का जख्म देने वाले चीन ने कोरोनावायरस की सुपरवैक्सीन बनाने का दावा किया है। चीन ने कहा कि यह वैक्सीन 10 लाख लोगों को दी जा चुकी है, लेकिन किसी में कोई गंभीर साइडइफेक्ट नहीं दिखा है। इस टीके को लगवाने वाले सौ फीसदी लोगों के कोरोना से संक्रमित नहीं होने के कई उदाहरण दिए हैं इसलिए इससे सुपर वैक्सीन बताया जा रहा है। 
 
खबरों के अनुसार चीनी कंपनी सिनोफार्म द्वारा बनाए गए इस टीके के परीक्षण का आखिरी ट्रायल अभी नहीं पूरा हो पाया है, लेकिन चीन की सरकार ने आपात स्थिति में इस प्रायोगिक टीके को मरीजों को लगाने की इजाजत दे दी है। चीन की दिग्गज दवा कंपनी सिनोफार्म के चेयरमैन लियू जिंगजेन ने कहा कि जिन लोगों को वैक्सीन दी गई है उनमें गंभीर विपरीत प्रभाव नहीं दिखे, कुछ लोगों ने केवल मामूली परेशानी की शिकायत की। 
ALSO READ: कोरोनाकाल में भीलवाड़ा मॉडल को लेकर चर्चा में थीं IAS टीना डाबी, पति अतहर आमिर से ले रहीं तलाक
दोबारा संक्रमित होने का कितना खतरा : ब्रिटेन में एक नए अध्ययन यह बात सामने आई है कि कोविड-19 से पहले संक्रमित हो चुके लोगों को पहले संक्रमण के बाद कम से कम छ: महीने तक दोबारा यह बीमारी होने की बहुत कम संभावना होती है।
ALSO READ: Corona vaccine पर चल रहे काम को रूसी और कोरियाई हैकरों ने बनाया निशाना
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय तथा ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय अस्पताल (ओयूएच) के एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट के बीच साझेदारी के तहत अध्ययन किया गया जिसमें अग्रिम पंक्ति में रहकर काम करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को शामिल किया गया है।
 
अध्ययन में बताया गया है कि पिछले 6 महीने में संक्रमित हुए अधिकतर लोगों को दोबारा कोविड-19 होने की संभावना नहीं है। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के नफील्ड डिपार्टमेंट ऑफ पॉपुलेशन हेल्थ के प्रोफेसर डेविड आयरे ने कहा कि यह वाकई अच्छी खबर है क्योंकि हम भरोसा कर सकते हैं कि कोविड-19 ग्रस्त हो चुके अधिकतर लोग कम से कम कुछ समय के लिए दोबारा संक्रमित नहीं होंगे।
ALSO READ: History of vaccine: किसने बनाई थी दुनिया की पहली वैक्‍सीन?
शोधपत्र प्रकाशन के पूर्व के चरणों में है और इसके लेखकों में शामिल आयरे ने कहा कि इस अध्ययन में बड़ी संख्या में स्वास्थ्यकर्मियों को शामिल किया गया। इसमें सामने आया है कि कोविड-19 कम से कम 6 महीने तक अधिकतर लोगों को पुन: संक्रमण से बचाता है। जिन प्रतिभागियों में एंटीबॉडी पाए गए, उनमें से किसी को लक्षण के साथ कोई संक्रमण नहीं दिखाई दिया।(एजेंसियां)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख