अमेरिका और अफ्रीका को छोड़ सभी स्थानों से घटे Corona के नए मामले, 25 हजार नई मौतें दर्ज

Webdunia
गुरुवार, 12 मई 2022 (17:25 IST)
जिनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोविड-19 महामारी को लेकर किए गए अपने नवीनतम आकलन में कहा है कि अमेरिका और अफ्रीका को छोड़कर दुनिया के अन्य हिस्सों में संक्रमण के नए मामलों में कमी आ रही है। विश्व स्वास्थ्य निकाय ने मंगलवार देर रात महामारी को लेकर जारी साप्ताहिक रिपोर्ट में कहा कि करीब 35 लाख नए मामले और 25 हजार से अधिक मौतें पूरी दुनिया में दर्ज की गईं, जो क्रमश: 12 प्रतिशत और 25 प्रतिशत कम हैं।

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संयुक्त राष्ट्र के निकाय ने कहा कि संक्रमण के मामलों में मार्च महीने से कमी आनी शुरू हुई। हालांकि कई देशों ने बड़े पैमाने पर जांच और निगरानी कार्यक्रम को बंद कर दिया जिससे मामलों की सटीक जानकारी प्राप्त करना बहुत मुश्किल है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि केवल 2 क्षेत्र हैं, जहां पर कोविड-19 के मामले बढ़े हैं। संगठन ने कहा कि अमेरिका में संक्रमण के मामलों में 14 और अफ्रीका में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। रिपोर्ट में कहा गया कि पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में संक्रमण की दर स्थिर है जबकि बाकी सभी स्थानों पर संक्रमण में गिरावट आई है।
 
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयियस ने इस सप्ताह चेतावनी देते हुए कहा था कि 50 से अधिक देशों में संक्रमण के मामलों में वृद्धि कोरोनावायरस की अस्थिरता को रेखांकित करती है। टेड्रोस ने कहा कि कोविड-19 के प्रकार जिनमें अत्यधिक संक्रामक ओमिक्रॉन स्वरूप शामिल है, की वजह से कई देशों में फिर से मामले बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इनमें दक्षिण अफ्रीका शामिल है, जहां पर सबसे पहले पिछले साल नवंबर में ओमिक्रॉन की पहचान की गई थी।

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उन्होंने कहा कि जहां पर आबादी के अधिकतर हिस्से में प्रतिरोधक क्षमता पैदा हो गई है, वहां मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने या मौत की दर कम है। टेड्रोस ने इसके साथ ही आगाह किया कि उन स्थानों के लिए यह गांरटी नहीं है, जहां पर टीकाकरण की दर कम है।
 
उन्होंने कहा कि गरीब देशों की महज 16 प्रतिशत आबादी को ही कोविड-19 रोधी टीके की खुराक लगी है। गौरतलब है कि गुरुवार को उत्तरी कोरिया ने पहली बार कोरोनावायरस महामारी की घोषणा की और राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू किया, हालांकि महामारी के स्तर की तत्काल जानकारी नहीं मिली है। माना जा रहा है कि उत्तर कोरिया में महामारी के घातक असर हो सकते हैं, क्योंकि वहां पर कमजोर स्वास्थ्य सेवा है। साथ ही देश की 2.6 करोड़ की आबादी में अधिकतर को कोविड-19 रोधी टीके की खुराक नहीं लगी है।

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