भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना ने अब महाराष्ट्र की तर्ज पर रफ्तार पकड़ ली है। प्रदेश में कोरोना पॉजिटिविटी रेट 4.5 फीसदी के पास पहुंच गई है जबकि देश में कोरोना की रफ्तार 1.85 फीसदी है। लोगों की लापरवाही और मास्क नहीं पहनने के चलते प्रदेश में हालात कुछ उसकी तरह बनते दिख रहे है जैसे पिछले साल सितंबर-अक्टूबर महीने में थे। मध्यप्रदेश में इस साल एक फरवरी को जिस कोरोना की रफ्तार धीमी पड़ कर 01 फीसदी पॉजिटिविटी रेट तक पहुंच गई थी वह पिछले डेढ़ महीने में साढ़े चार गुना बढ़कर अब 4.5 फीसदी तक पहुंच गया है।
सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क नहीं पहनने के चलते कोरोना कोरोना पॉजिटिविटी रेट जो एक फरवरी को एक फीसदी था वह 15 फरवरी को 1.5 फीसदी,1 मार्च को 2.6 फीसदी और रविवार 14 मार्च को 4.5 फीसदी हो गया है। प्रदेश में वर्तमान कोरोना की रफ्तार अब पिछले साल अक्टूबर की तरह आगे बढ़ रही है। पिछले साल 21 अक्टूबर को प्रदेश में कोरोना की रफ्तार 4.2 फीसदी थी।
अगर स्वास्थ्य विभाग की ओर जारी राज्यस्तरीय कोरोना बुलिटेन के आंकड़ों पर नजर डाले तो मार्च के पहले 15 दिन में कोरोना मरीजों की संख्या साढ़े सात हजार के करीब बढ़ गई है। अगर आंकड़ों पर नजर डाले तो एक मार्च को प्रदेश में 336 नए केस सामने आए जो 15 दिन में दो गुना की अधिक रफ्तार से बढ़कर 15 मार्च को 797 तक पहुंच गए है।
स्क्रीनिंग के बिना महाराष्ट्र से एंट्री नहीं-महाराष्ट्र में लगातार कोरोना के मामले बढ़ते के बाद अब सरकार ने महाराष्ट्र से आने वालों पर सख्ती कर दी है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के मुताबिक अब महाराष्ट्र से आने वालों को बिना स्क्रीनिंग के प्रदेश में एंट्री नहीं दी जाएगी। इसके साथ महाराष्ट्र से आने वाले लोगों को 7 दिन के लिए क्वारेंटाइन करने के भी निर्देश दिये गये हैं। इसके साथ सीमावर्ती सभी जिलों में महाराष्ट्र से आने वाले लोगों का अब थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य रूप से करने के निर्देश कलेक्टरों को दिए गए है।
प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच में अब गृह विभाग ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी है। गृह विभाग की नई गाइडलाइन के अनुसार अब भोपाल इंदौर समेत कुल 10 जिलों में बंद हॉल में होने वाले आयोजनों में अधिकतम 200 लोग ही शामिल हो सकेंगे। गृह विभाग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक भोपाल और इंदौर के साथ महाराष्ट्र से लगे बालाघाट, सिवनी, बैतूल, छिंदवाड़ा, खण्डवा, खरगौन, बड़वानी और बुरहानपुर में बंद हॉल में जो भी कार्यक्रम आयोजित हो, उसमें समस्त प्रकार के कार्यक्रमों में क्षमता के 50 प्रतिशत और अधिकतम 200 व्यक्ति ही शामिल हो सकेंगे।