नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभाव की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है तथा राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को इसके लिए तैयार रहना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्रालय में सचिव राजेश भूषण ने कहा कि टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभाव (एईएफआई) महत्वपूर्ण पहलू हैं और राज्यों से कहा गया है कि वे हर ब्लॉक में कम से कम एक एईएफआई प्रबंधन केंद्र की पहचान करें।
उन्होंने कहा कि सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम, जो दशकों से चल रहे हैं, में बच्चों और गर्भवती महिलाओं में कुछ प्रतिकूल प्रभाव देखे जाते हैं। भूषण ने कहा कि इसलिए, हम कोविड-19 टीकाकरण की शुरूआत होने पर प्रतिकूल प्रभाव की आशंका से इनकार नहीं कर सकते हैं।
उन देशों में जहां टीकाकरण पहले ही शुरू हो चुका है, खासकर ब्रिटेन में, पहले दिन ही प्रतिकूल प्रभाव सामने आया। इसलिए, आवश्यक है कि राज्य और केंद्रशासित प्रदेश इसके लिए भी तैयार रहें। उन्होंने कहा कि इस संबध में केंद्र ने राज्यों को विस्तृत निर्देश जारी किए हैं।
न बरतें कोताही, कभी भी बिगड़ सकते हैं हालात : केन्द्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि देश में कोविड-19 के मामलों और संक्रमण से होने वाली मौतों में कमी आई है जो अच्छी खबर है। साथ उसने किसी भी प्रकार की ढिलाई के खिलाफ आगाह किया। सरकार ने चेताया कि देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा अभी भी संक्रमण के प्रति अतिसंवेदनशील है और हालात कभी भी बिगड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें खुश होना चाहिए, लेकिन सतर्कता के साथ प्रसन्न होना चाहिए।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉक्टर वीके पॉल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ऐसे में जबकि पूरी दुनिया में, खासतौर से अमेरिका और यूरोप में, कोविड-19 के मामले और संक्रमण से होने वाली मौतें बढ़ रही हैं, दुनिया में स्थिति चिंताजनक हो गई है। भारत में इसके विपरीत हालात संतोषजनक हैं, संक्रमण के नए मामलों और उससे होने वाली मौतों की संख्या में कमी आ रही है।
किसी भी तरह की ढिलाई के प्रति आगाह करते हुए पॉल ने कहा कि मृत्यु दर घट रही है और यह 400 प्रतिदिन से कम रह गई है। नए मामले भी घटकर दिन में 22,000 रह गए हैं। ऐसी संख्या हमने जुलाई में देखी थी। इसलिए यह बेहतर स्थिति है। देश के रूप में हम बेहतर कर रहे हैं।
दिल्ली में महामारी नियंत्रण में : दिल्ली में हालात में सुधार होने की ओर ध्यान दिलाते हुए उन्होंने कहा कि हम दिल्ली सरकार और अन्य सरकारों को भी बधाई देते हैं जिन्होंने हाल ही में महामारी को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। पॉल ने हालांकि उत्तराखंड, नगालैंड और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में कोविड-19 की स्थिति पर चिंता जताई और कहा कि स्थानीय सरकारों की मदद से महामारी को नियंत्रित करने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं।
केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि देश में कोविड-19 का पता लगाने के लिए अभी तक 15.55 करोड़ से ज्यादा नमूनों की जांच की गई है। देश में लोगों के संक्रमित होने की औसत दर घटकर 6.37 रह गई है, वहीं पिछले सप्ताह यह घटकर मात्र 3 प्रतिशत रह गई। भूषण ने कहा, भारत में संक्रमण से होने वाली मौतों की दर भी दुनिया में सबसे कम है। वर्तमान में भारत में मृत्यु दर 1.45 प्रतिशत है जबकि इसकी वैश्विक दर 2.26 है।(भाषा)