Dharma Sangrah

कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल को नहीं मिली अनुमति, 1 जनवरी को फिर होगी बैठक

Webdunia
बुधवार, 30 दिसंबर 2020 (23:49 IST)
नई दिल्ली। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के विशेषज्ञों की समिति ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के कोविड-19 टीके के आपात इस्तेमाल की अनुमति देने के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के आग्रह और ‘कोवैक्सीन’ के आपात इस्तेमाल को अनुमति देने के भारत बायोटेक के आग्रह पर विचार करने के लिए बुधवार को बैठक की तथा अब यह समिति 1 जनवरी को फिर से बैठक करेगी।

कोविड-19 संबंधी विशेषज्ञ समिति ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक द्वारा सौंपे गए अतिरिक्त विवरण का विश्लेषण किया।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि समिति ने टीकों के आपात इस्तेमाल की अनुमति देने के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, फाइजर और भारत बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड के आग्रह पर विचार करने के लिए बुधवार दोपहर बाद बैठक की। इसने कहा कि समिति 1 जनवरी 2021 को फिर से बैठक करेगी। 
ALSO READ: PM मोदी 1 जनवरी को 6 जगहों पर रखेंगे 'लाइट हाउस' परियोजना की आधारशिला
आईएनएसएसीओजी संघ की मदद करेगी उच्च स्तरीय समिति :  जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव रेणु स्वरूप ने बताया कि कोरोनावायरस के नए स्वरूप की स्थिति सुनिश्चित करने के लिए गठित ‘‘इंडियन सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक कंसोर्टिया’’ (आईएनएसएसीओजी) का निर्देशन एक उच्च स्तरीय अंतर मंत्रालयी संचालन समिति करेगी।
ALSO READ: नए साल के आयोजनों पर रखें निगरानी, साबित हो सकते हैं सुपर स्प्रेडर: केंद्र ने राज्यों को लिखा पत्र
उन्होंने कहा कि समिति को तकनीकी निर्देशन देने के लिये एक वैज्ञानिक परामर्श समूह होगा। ब्रिटेन में कोरोनावायरस के नए स्वरूप की पहचान होने के बाद सरकार ने 10 प्रयोगशालाओं वाले आईएनएसएसीओजी की शुरुआत की थी। भारत में वायरस के नए स्वरूप के अब तक 20 मामले सामने आ चुके हैं जिसके बाद सरकार ने जीनोम निगरानी बढ़ाने की दिशा में तेजी दिखाई है।
ALSO READ: Weather Alert : कड़ाके की ठंड की चपेट में उत्तर भारत, अगले कई दिनों तक राहत के कोई आसार नहीं
आईएनएसएसीओजी का उद्देश्य कुल मिलाकर कई प्रयोगशालाओं के नेटवर्क के साथ नियमित आधार पर वायरस के आनुवंशिक बदलावों की निगरानी करना है। जैवप्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने कहा कि यह प्रमुख शोध संघ भविष्य में संभावित टीका विकसित करने में मदद करेगा।

डीबीटी के एक बयान में कहा गया कि डीबीटी की सचिव डॉ. रेणु स्वरूप ने बताया कि आईएनएसएसीओजी की एक उच्च स्तरीय अंतर मंत्रालयी संचालन समिति होगी जो विशेष रूप से नीतिगत मामलों में संघ को निर्देशन देने के साथ उस पर नजर रखेगी और वैज्ञानिक व तकनीकी निर्देशन के लिये इसका एक वैज्ञानिक परामर्श समूह भी होगा। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Putin India Visit : पुतिन के भोज में थरूर को आमंत्रण, राहुल गांधी और खरगे को नहीं बुलाने पर कांग्रेस नाराज, सुनना थी अंतरात्मा की आवाज

क्यों हो रही है indigo की उड़ानें रद्द, FDTL रद्द, जांच के लिए 4 सदस्यीय कमेटी का गठन, कब सामान्य होंगे हालात

Vladimir Putin: व्लादिमीर पुतिन कैसे बने रूस की जासूसी संस्था KGB के जासूस?

putin india vist Updates : PM मोदी और पुतिन के ऐलान के बाद उड़ी पाकिस्तान की नींद, रूस और भारत में क्या हुआ समझौता

Vladimir Putin के भारत दौरे से तिलमिलाया अमेरिका, ट्रंप ने करीबी की कंपनी पर ठोंका 71 लाख डॉलर का जुर्माना

सभी देखें

नवीनतम

क्‍या संविधान से हटेंगे सेक्युलर-सोशलिस्ट शब्द, राज्यसभा में पेश हुआ बिल, BJP सांसद ने की यह मांग

195 देशों की टीमें जिसे खोज रही थी, MP टाइगर स्ट्राइक फोर्स ने पकड़ा, कौन है इंटरनेशनल टाइगर तस्‍कर यांगचेन लाचुंगपा?

काशी-मथुरा विवाद पर CM योगी का बड़ा बयान, जानिए क्‍या बोले...

क्या है Deep fake, जिससे बदला रश्‍मिका मंदाना का चेहरा, कितना खतरनाक है और कैसे बचें इस fake टेक्‍नोलॉजी से?

डीपफेक पर लगेगी लगाम, लोकसभा में रेगुलेशन बिल पेश, जानिए क्‍या है खतरा और क्‍या होगा फायदा?

अगला लेख