जिनेवा। कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने जो ताजा बयान जारी किया है, उससे खलबली मच गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अगले साल के मध्य तक वृहद स्तर पर कोरोना का टीकाकरण किए जाने की संभावना पर संदेह व्यक्त करते हुए कहा है कि अभी तक कोई भी कोरोना वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी साबित नहीं हुई है।
डब्यूएचओ ने यह बयान ऐसे समय में दिया है, जब अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर ने कहा है कि उसे उम्मीद है कि उसके द्वारा विकसित की जाने वाली कोरोना वैक्सीन अगले माह के अंत तक व्यापक स्तर पर टीकाकरण के लिए तैयार हो सकती है।
डब्ल्यूएचओ की प्रवक्ता मार्गरेट हैरिस ने आज कहा कि किसी भी कोरोना वैक्सीन के प्रभाव और उसके सुरक्षा पहलू को देखने के लिए कड़ाई से जांच करनी जरूरी है। उन्होंने बताया कि अब तक कोई भी कोरोना वैक्सीन डब्ल्यूएचओ के मानकों पर खरी नहीं उतरी है।
उन्होंने कहा कि वैक्सीन के तीसरे चरण के मानव परीक्षण में समय लगना चाहिए ताकि यह देखा जा सके कि वैक्सीन कितनी प्रभावी है और हमें यह देखना भी जरुरी है कि वह कितनी सुरक्षित है।
सुश्री हैरिस ने यह भी कहा कि वैक्सीन के परीक्षण के सभी दस्तावेजों को साझा करना जरुरी है और उसकी तुलना भी आवश्यक है। कई हजार लोगों को वैक्सीन लगायी गई है और अभी हमें यह पता नहीं कि वैक्सीन काम भी कर रही है या नहीं। इस वक्त हमें यह भी पता नहीं कि वैक्सीन का प्रभाव मानक स्तर का है या नहीं?
फाइजर के दावे से पहले रूस ने अगस्त में अपने यहां कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दी जिसे लेकर विशेषज्ञों ने गहरी चिंता जताई कि मात्र 2 माह के परीक्षण के बाद तैयार यह वैक्सीन कितनी सुरक्षित या प्रभावी होगी।
उसके बाद फाइजर के दावे को लेकर भी यह कयास लगाए जा रहे हैं कि अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले कोरोना वैक्सीन को विकसित करने की होड़ के कारण कहीं कोरोना वैक्सीन की गुणवत्ता से समझौता न हो जाए।
इससे पहले अमेरिकी संस्था सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने जन स्वास्थ्य से जुड़ी एजेंसियों को बताया है कि वह अक्टूबर या नवंबर तक दो वैक्सीन तैयार कर सकता है।
अमेरिका में एस्ट्राजेनेका द्वारा तैयार की जा रही कोरोना वैक्सीन का ट्रायल तीसरे चरण में पहुंच गया है। कंपनी के मुताबिक, अमेरिका में कुल 80 जगहों पर 30 हजार स्वयंसेवकों पर इसका परीक्षण चल रहा है।
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ये ऐलान किया था कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन परीक्षण के तीसरे चरण में पहुंच गई है और वह उन वैक्सीन्स की सूची में शामिल हो गई है, जिसका इस्तेमाल बहुत जल्द कोरोना से लड़ने में किया जाएगा। (इनपुट वार्ता)