वैज्ञानिकों ने कहा- डरें नहीं, Corona का नया वैरिएंट कोई आपदा नहीं

Webdunia
शनिवार, 27 नवंबर 2021 (20:26 IST)
लंदन। ब्रिटेन के शीर्ष वैज्ञानिकों ने शनिवार को कहा कि कोरोनावायरस का नया स्वरूप कोई आपदा नहीं है और टीके अब भी इससे होने वाली बीमारी से बचाव कर सकते हैं।
 
उल्लेखनीय है कि वायरस के नए स्वरूप को संभवत: अधिक संक्रामक बताया जा रहा है जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ‘ओमीक्रोन’ नाम दिया है।
 
ब्रिटेन सरकार के स्वास्थ्य संबंधी आपातकालीन स्थिति से जुड़े वैज्ञानिक सलाहकार समूह (एसएजीई) के एक सूक्ष्म जीवविज्ञानी प्रोफेसर कैलम सेम्पल ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में सामने आया और दुनियाभर में सुर्खियों में छाया नया स्वरूप ‘बी.1.1.1.529’ (ओमीक्रोन) कोई बड़ी आपदा नहीं है।
 
उन्होंने ‘बीबीसी’ से कहा कि यह कोई आपदा नहीं है, और मेरे कुछ सहयोगियों के इसे भयानक बताने संबंधी सुर्खियाँ... मुझे लगता है कि स्थिति को बहुत बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है।
 
सेम्पल ने कहा कि टीकाकरण से मिलने वाली प्रतिरक्षा अब भी आपको गंभीर बीमारी से बचा सकती है। आपको सूंघने या सिरदर्द या सर्दी संबंधी दिक्कत हो सकती है, लेकिन आपके अस्पताल में भर्ती होने की संभावना, या गहन देखभाल या दुखद रूप से मरने की संभावना टीके से बहुत कम हो जाती है और अभी यह भविष्य में भी जारी रहेगी।
 
ब्रिटेन ने वायरस के इस स्वरूप के चलते 6 दक्षिणी अफ्रीकी देशों- दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना, लेसोथो, इस्वातिनी, ज़िम्बाब्वे और नामीबिया को अपनी यात्रा प्रतिबंध सूची में शामिल कर लिया है, क्योंकि स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि वे वायरस के 'सबसे महत्वपूर्ण स्वरूप' की जांच कर रहे हैं जो संभावित रूप से अधिक संक्रामक और टीका प्रतिरोधी हो सकता है।
 
दक्षिण अफ्रीका ने नए स्वरूप के बारे में सबसे पहले बुधवार को डब्ल्यूएचओ को सूचित किया और बोत्सवाना, बेल्जियम, हांगकांग तथा इज़राइल में भी इसकी पहचान की गई है। दुनियाभर के देश वर्तमान में ओमीक्रोन के प्रसार को रोकने के प्रयास में दक्षिणी अफ्रीकी देशों पर यात्रा प्रतिबंध लगा रहे हैं।
 
सेम्पल ने कहा कि ब्रिटेन में इस स्वरूप को पहुंचने से रोकना संभव नहीं है, लेकिन इसके पहुंचने में देरी करना अभी भी महत्वपूर्ण है। इस बीच, एक टीका विशेषज्ञ का मानना ​​​​है कि यह "बिलकुल असंभव" है कि नया स्वरूप ब्रिटेन में कोविड-19 महामारी की कोई बड़ी नई लहर पैदा करेगा।
 
ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ग्रुप के निदेशक प्रोफेसर एंड्रयू पोलार्ड ने कहा कि यह कहना "बहुत जल्दबाजी" होगा कि नया स्वरूप वर्तमान टीकाकरण से बचने में सक्षम होगा। उन्होंने कहा कि यह कुछ ऐसा है जिसके तीन सप्ताह तक ज्ञात होने की संभावना नहीं है।
 
टीकाकरण पर सरकार के सबसे वरिष्ठ सलाहकारों में शामिल सर जॉन बेल ने कहा कि कोविड रोधी टीका लगवा चुके लोगों पर वायरस के नए स्वरूप का असर 'नाक बहने और सिरदर्द' से अधिक नहीं हो सकता।
 
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में मेडिसिन विभाग में प्रोफेसर सर जॉन ने कहा कि नया स्वरूप भले ही एंटीबॉडी से बच सकता है, लेकिन इसके टी-कोशिकाओं और प्रतिरक्षा प्रणाली के अन्य हिस्सों से बचने की संभावना कम होगी जो व्यापक सुरक्षा प्रदान करते हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख