कोरोना को लेकर लापरवाह हुए लोग, केंद्र को मिल रही हैं राज्यों से शिकायतें

Webdunia
मंगलवार, 8 सितम्बर 2020 (20:47 IST)
नई दिल्ली। कोविड-19 संबंधी सावधानियां अपनाने में लोगों के ढिलाई बतरने को लेकर राज्यों से बार-बार मिल रही शिकायतों को रेखांकित करते हुए केंद्र ने मंगलवार को कहा कि महामारी की रोकथाम में भौतिक दूरी और मास्क पहनने जैसे कदम महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
 
नीति आयोग के सदस्य एवं कोविड-19 राष्ट्रीय कार्यबल के प्रमुख वीके पॉल ने एक प्रेस ब्रीफिंग में महामारी की रोकथाम में जांच के महत्व पर जोर दिया।
 
उन्होंने कहा कि लोगों को जांच कराने से डरना नहीं चाहिए। यदि उन्हें लक्षण हैं तो उन्हें कोविड-19 संबंधी जांच कराने के लिए आगे आना चाहिए।
 
पॉल ने कहा कि जब कोरोनावायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि हो रही है तो सुरक्षा संबंधी सावधानियां अपनाने में लोगों के ढिलाई बरतने के बारे में राज्यों से बार-बार शिकायतें मिल रही हैं।
 
उन्होंने कहा कि हमें राज्यों से बार-बार शिकायतें मिल रही हैं कि लोग सावधानी अपनाने में ढिलाई बरत रहे हैं।
 
अधिकारी ने कहा कि भौतिक दूरी का पालन करने, मास्क पहनने, हाथों को साफ रखने और भीड़भाड़ में जाने से बचने जैसे कदम संक्रमण की रोकथाम में महत्वपूर्ण हैं।
 
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि भारत में प्रति 10 लाख की आबादी पर कोविड-19 के 3,102 मामले हैं जो दुनिया में सबसे कम हैं।
 
उन्होंने कहा कि विश्व में प्रति 10 लाख की आबादी पर कोविड-19 संबंधी मौत के औसत 115 मामलों की तुलना में भारत में प्रति 10 लाख की आबादी पर कोविड-19 संबंधी मौत के मामलों की संख्या 53 है। यह भी दुनिया में सबसे कम है।
 
भूषण ने कोविड-19 के मामलों का राज्यवार आंकड़ा देते हुए कहा कि देश में कोविड-19 के कुल मामलों में से 70 प्रतिशत मामले केवल 5 राज्यों में हैं जिनमें महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश और आंध्रप्रदेश शामिल हैं। शेष 31.37 प्रतिशत मामले बाकी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से हैं।
 
अधिकारी ने उल्लेख किया कि कुल 28 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कोविड-19 संबंधी मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत 1.70 प्रतिशत से कम है।
 
उन्होंने कहा कि देश में कोरोनावायरस संक्रमण के उपचाराधीन मामलों में से 62 प्रतिशत मामले महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश और तमिलनाडु में हैं। भूषण ने कहा कि 14 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 5 हजार से कम उपचाराधीन मामले हैं। लक्षद्वीप में कोई उपचाराधीन मामला नहीं है। (भाषा) 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

RJD में कौन है जयचंद, जिसका लालू पु‍त्र Tej Pratap Yadav ने अपने मैसेज में किया जिक्र

Floods in Northeast India : उफनती बोमजीर नदी में फंसे 14 लोगों को IAF ने किया रेस्क्यू

शिवसेना UBT ने बाल ठाकरे को बनाया 'सामना' का एंकर, निकाय चुनाव से पहले AI पर बड़ा दांव

विनाशकारी बाढ़ से असम अस्त व्यक्त, गौरव गोगोई के निशाने पर हिमंता सरकार

डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा एक्शन, मस्क के करीबी इसाकमैन नहीं बनेंगे NASA चीफ

सभी देखें

नवीनतम

बड़ी खबर: सुकमा जिले में 16 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, केरलापेंदा गांव हुआ माओवाद मुक्त

क्या आपका 500 रुपए का नोट नकली तो नहीं? 37% बढ़ गए जाली नोट, इस तरह आसानी से पहचानें Fake currency

SDOP ख्याति मिश्रा के पति से विवाद में नप गए कटनी एसपी, तहसीलदार पति ने लगाए थे पत्नी को ब्लैकमेल करने के आरोप

यूपी बनेगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हब, 10 लाख युवाओं को मिलेगा नया हुनर

शर्मनाक! यूपी में दो साध्वियों ने आश्रम में कराया अन्य साध्वी का रेप, ब्लैकमेल भी किया

अगला लेख