वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोना वायरस अपना वजूद बनाए रखने के लिए बार-बार म्यूटेट यानि अपना रूप बदल रहा है। उनका कहना है देश में कोरोनावायरस की तीसरी लहर के बाद चौथी लहर भी आ सकती है।
कोरोनावायरस की दूसरी लहर ने घनी आबादी वाले शहरों के साथ-साथ कम आबादी वाले गांवों को भी अपनी चपेट में लिया। हालांकि, देश के कई राज्यों में सामने आ रहे नए मामलों की कमी देखी जा रही है। इस कमी के बावजूद देश में रोजाना एक लाख से ज्यादा नए मामले आ रहे हैं और 2 हजार से ज्यादा लोगों की मौत भी हो रही है।
देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर जब अपने चरम पर थी, उसी वक्त जानकारों ने महामारी की तीसरी लहर की भी चेतावनी दे दी थी। एक्सपर्ट्स के मुताबिक कोविड-19 की तीसरी लहर में छोटे बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। एक्सपर्ट्स द्वारा तीसरी लहर की चेतावनी जारी किए जाने के बाद केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारें भी अभी से तैयारियों में जुट गई हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि देश में कोरोनावायरस की तीसरी लहर के बाद चौथी लहर भी आ सकती है। जारी की गई चेतावनी को देखते हुए हमें तैयार और सतर्क रहना चाहिए। इस लड़ाई में वैक्सीन को एक अहम हथियार माना है। बड़े स्तर पर वैक्सीनेशन के जरिए ही हम इस महामारी पर काबू पा सकते हैं।
इसके प्रति डर का माहौल बनाने के बजाए तैयारियां करनी चाहिए। ऐसा भी हो सकता है कि तीसरी लहर में बच्चों पर उतना बुरा प्रभाव न पड़े, जितने की संभावना जताई जा रही है। संक्रमित होने वाले 5 फीसदी बच्चों में ही गंभीर बीमारी देखी गई है। बताते चलें कि दूसरी लहर में कई बच्चों ने भी अपनी जान गंवाई है। कुल मिला-जुलाकर तीसरी लहर को लेकर बच्चों के बारे में ज्यादा घबराना और डर पैदा करना कोई समाधान नहीं है, इसके लिए हमें अपनी तरफ से पूरी तरह तैयार रहना होगा और सावधानी बरतनी होगी।