नई दिल्ली। अमेरिका और रूस से चिकित्सा आपूर्ति की पहली खेप के गुरुवार तक भारत पहुंच जाने की उम्मीद है और सरकार विदेश से ऑक्सीजन टैंकों, जनरेटरों एवं अन्य संबंधित चीजें तथा अहम दवाइयां खरीदने पर पूरा ध्यान दे रही है। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से चर्चा भी की है।
सूत्रों ने बताया कि भारत ने भारतीय दूतावास एवं अन्य माध्यमों से अमेरिका से एस्ट्राजेनेका टीके तथा टीकों के उत्पादन में जरूरी कच्चे माल समेत चिकित्सा आपूर्ति की मांग की है।
भारत के कोरोना वायरस की विनाशकारी दूसरी लहर से जूझने के बीच अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और जर्मनी समेत कई देशों ने इस स्थिति से उबरने में मदद पहुंचाने के लिए भारत में चिकित्सा आपूर्ति भेजने की घोषणा की थी।
सूत्रों ने बताया कि भारत ऑक्सीजन संबंधी चीजों एवं अहम दवाइयों को लेकर दूसरों देशों से उम्मीद लगाए हुए है और वह प्रमुख देशों में भारतीय मिशनों को उनकी खरीद पर अपना प्रयास केंद्रित करने को कह चुका है।
सूत्रों ने कहा कि चिकित्सा आपूर्ति लेकर एक अमेरिकी विमान के गुरुवार को पहुंचने की संभावना है जबकि रूसी विमान के गुरुवार रात तक पहुंचने की उम्मीद है।
सूत्रों के अनुसार एक उच्च स्तरीय अंतर-मंत्रालयी समूह विदेशी आपूर्ति के वितरण में एवं अन्य संबंधित विषयों में समन्वय कर रहा है तथा राज्यों को अपनी जरूरत के हिसाब से इसी तर्ज पर चीजें मंगवाने की छूट दी गई है।
बाइडेन ने की थी पीएम मोदी से बात : बाइडन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सोमवार को विस्तार से चर्चा की थी और इस घातक बीमारी के खिलाफ भारत की लड़ाई में देश के प्रति एकजुटता प्रदर्शित की थी। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि हम मदद की पूरी श्रृंखला तत्काल भेज रहे हैं जिसकी उन्हें जरूरत है। इनमें रेमडेसिविर और अन्य दवाएं भी शामिल हैं।
ब्रिटेन से मदद : ब्रिटेन ने पुष्टि की है कि महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरणों की पहली खेप के बाद बुधवार और बृहस्पतिवार तक 400 और ऑक्सीजन सांद्रक भारत भेजे जाएंगे। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने संसद के अपने साप्ताहिक प्राइम मिनिस्टर्स क्वेश्चन्स (पीएमक्यू) सत्र की शुरुआत भारत के साथ एकजुटता के संदेश के साथ की और कहा कि आगे की जरूरतों के बारे में भारत सरकार के साथ चर्चा चल रही है।
उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि ब्रिटेन भारत को सहायता की आपूर्ति करने वाला पहला देश है जहां से 200 वेंटिलेटर और 95 ऑक्सीजन सांद्रकों की खेप मंगलवार को नयी दिल्ली पहुंची और उसे भारतीय अस्पतालों में वितरित किया जा रहा है।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि उनका देश कोविड-19 महामारी से निपटने में भारत को एक करोड़ डॉलर की मदद मुहैया कराएगा। ट्रूडो ने कहा है कि विदेश मंत्री मार्क गार्नो की भारत में अपने समकक्ष एस जयशंकर से बात हुई है कि कनाडा किस तरह की मदद मुहैया करा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा, हम कनाडा रेड क्रॉस के जरिए भारतीय रेड क्रॉस को एक करोड़ डॉलर मुहैया कराने को भी तैयार हैं।
सिंगापुर भेजेगा सिलेंडरों की खेप : सिंगापुर सरकार ने ऑक्सीजन सिलेंडरों की खेप भारत भेजी है। विदेश मंत्रालय ने बुधवार को इस बारे में बताया। चैनल न्यूज एशिया की खबर के अनुसार, सिंगापुर की वायुसेना ने सिंगापुर से पश्चिम बंगाल के लिए दो सी-130 विमानों से ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाये।
न्यूजीलैंड कोविड-19 के बढ़ते मामलों से जूझ रहे भारत की मदद के लिए रेड क्रॉस को करीब 7,20,365 अमेरिकी डॉलर की राशि देगा। विदेश मंत्री ननाइया महुता ने बुधवार को यह घोषणा की। महुता ने कहा, इस मुश्किल वक्त में हम भारत के साथ हैं और जिंदगियों को बचाने के लिए निरंतर काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चा के कर्मियों के प्रयासों की सराहना करते हैं।
भारतीय-अमेरिकी गैर लाभकारी संगठन (एनजीओ) सेवा इंटरनेशनल यूएसए ने भारत में कोविड-19 राहत कार्यों के लिए सोशल मीडिया के जरिए करीब 47 लाख डॉलर की धनराशि जुटाई है। निधि जुटाने का अभियान शुरू करने के 100 घंटों से भी कम वक्त में 66,700 से अधिक भारतीय-अमेरिकियों ने भारत में कोविड-19 राहत कार्यों के लिए 47 लाख डॉलर से अधिक की धनराशि जुटाई। (इनपुट भाषा)