भारत भी WHO से मांगेगा Corona वायरस की उत्पत्ति की जानकारी

Webdunia
सोमवार, 18 मई 2020 (16:24 IST)
नई दिल्ली। भारत जिनेवा में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के दो दिन के अहम सम्मेलन में हिस्सा ले रहे 60 देशों की उस मांग का समर्थन करेगा, जिसमें कोविड-19 संकट की वैश्विक प्रतिक्रिया प्रणाली का 'निष्पक्ष, स्वतंत्र और समग्र' आकलन किए जाने और घातक संक्रमण का 'पशुजन्य स्रोत' का पता लगाने की बात है।
 
डब्ल्यूएचओ की विश्व स्वास्थ्य सभा (WHO) की सोमवार से शुरू हो रही दो दिवसीय 73वीं सभा, वायरस की चीन के शहर वुहान में उत्पत्ति की जांच को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगातार बनाए जा रहे दबाव की पृष्ठभूमि में हो रही है। इस मुद्दे को लेकर चीन और अमेरिका में जुबानी जंग चल रही है।
 
ऐसी संभावना है कि डब्ल्यूएचए वैश्विक महामारी से निपटने के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने के विषय पर जोर देगी। कोरोना वायरस के चलते दुनिया भर में 3 लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और यह वायरस करीब 47 लाख लोगों को संक्रमित कर चुका है तथा अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ चुका है।
 
यूरोपीय संघ द्वारा तैयार मसौदा प्रस्ताव को कई देशों ने चर्चा के लिए समर्थन दिया है। इसमें कोविड-19 के प्रति डब्ल्यूएचओ की समन्वित अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया का चरणबद्ध तरीके से निष्पक्ष, स्वतंत्र एवं समग्र आकलन की मांग की गई है।
 
भारत के अलावा इस मसौदा प्रस्ताव को समर्थन देने वालों में ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, बेलारूस, भूटान, ब्राजील, कनाडा, चिली, कोलंबिया, जिबूती, डोमिनिकन गणराज्य, इक्वाडोर, एल सेल्वाडोर, ग्वाटेमला, गुयाना, आईसलैंड, इंडोनेशिया, जापान, जोर्डन, कजाकस्तान, मलेशिया, मालदीव और मेक्सिको शामिल हैं।
 
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक मोंटेनीग्रो, न्यूजीलैंड, उत्तर मैसेडोनिया, नॉर्वे, पराग्वे, पेरु, कतर, कोरिया गणराज्य, मोलदोवा, रूस, सैन मरीनो, सऊदी अरब, ट्यूनीशिया, तुर्की, यूक्रेन, ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड भी इस प्रस्ताव का समर्थन कर रहे हैं। इस कदम को समर्थन देने वालों में अमेरिका का नाम नहीं नजर आया है।
 
मसौदा प्रस्ताव में डब्ल्यूएचओ के स्वास्थ्य आपदा कार्यक्रम को मजबूत करने के माध्यम से वैश्विक महामारी रोकथाम प्रणालियों को सुधारने की अनुशंसा भी होगी। साथ ही यह पशु स्वास्थ्य के लिए विश्व संगठन, संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन और अन्य देशों के साथ करीब से काम करने का भी आह्वान करता है ताकि वायरस के पशुजन्य स्रोत और इंसान में इसके प्रवेश का पता लगाया जा सके। (भाषा)
 

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