नई दिल्ली। कोरोना को लेकर एक डराने वाली खबर सामने आ रही है। हाल ही में ओमिक्रॉन का एक नया सब वैरिएंट पाया गया है। ओमिक्रॉन के नए वैरिएंट को लेकर कहा जा रहा है कि यह अधिक संक्रामक हो सकता है।
खबरों के मुताबिक गुजरात बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर ने नए वैरिएंट BF.7 के पहले मामले का पता लगाया है। हालांकि अभी इस पर परीक्षण चल रहा है कि ये कितना खतरनाक साबित हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अभी हाल में चीन में संक्रमण के मामले बढ़ने के पीछे नए वैरिएंट BF.7 की मुख्य भूमिका है।
जानकारी के अनुसार ओमिक्रॉन का नया वैरिएंट अत्यधिक संक्रामक हो सकता है और माना जा रहा है कि इसमें फैलने की क्षमता काफी ज्यादा है। जानकारी के लिए कि मंगोलिया में भीषण रूप दिखा चुके नए वैरिएंट चीन में काफी हावी रहा है। माना जा रहा है कि चीन में इस समय उत्पन्न हुई स्थिति के पीछे ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट BA.5.1.7 और BF.7 का हाथ है।
एंटीबॉडी से खत्म नहीं होगा : हाल ही में किए गए एक अध्ययन के अनुसार ओमीक्रोन का बीए.2.75.2 स्वरूप रक्त में मौजूद एंटीबॉडी से खत्म नहीं होता है तथा कोविड-19 एंटीबॉडी संबंधी कई उपचारों का भी इस पर असर नहीं होता है। यह अध्ययन लैंसेट इंफेक्शस डिजीज नाम पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
स्वीडन के कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं के निष्कर्ष के अनुसार सर्दी के मौसम में सार्स-कोव-2 स्वरूप से संक्रमण के बढ़ने का जोखिम है, जब तक कि नए विकसित टीके लोगों की प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ावा देने में मदद नहीं देते।
कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट के एक सहायक प्रोफेसर और अध्ययन के लेखक बेन मुरेल ने कहा कि एंटीबॉडी प्रतिरक्षा अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है, बीए.2.75.2 में पहले अध्ययन किए गए स्वरूपों की तुलना में कहीं अधिक प्रतिरोध दिखा है।
सार्स-कोव-2 वायरस स्पाइक प्रोटीन के जरिए मानव कोशिकाओं में प्रवेश करता है और उन्हें संक्रमित कर देता है।
अध्ययन के अनुसार स्टॉकहोम में 75 रक्त दाताओं से लिए गए नमूनों में मौजूद एंटीबॉडी बीए.2.75.2 को बेअसर करने में सिर्फ छठे हिस्से में ही प्रभावी थे।
ये नमूने तीन अलग-अलग समय पर लिए गए थे। कुछ नमूने पिछले साल नवंबर में लिए गए थे जब ओमीक्रोन स्वरूप सामने नहीं आया था। कुछ नमूने अप्रैल में और कुछ अगस्त के अंत से सितंबर की शुरुआत में लिए गए थे।
क्या है लक्षण : Omicron BF.7 के सामान्य लक्षण पहले से मौजूद सब-वेरिएंट्स के समान ही हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक अगर आपको गले में खराश, कंजेशन, थकान, खांसी और नाक बहना जैसे लक्षण महसूस हो रहे हैं तो तुरंत जांच कराएं और डॉक्टर से सलाह लें।