प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार, 25 दिसंबर की रात देश को संबोधित किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि 3 जनवरी, 2022 से बच्चों को भी कोरोना की वैक्सीन लगाई जाएगी।
पीएम मोदी ने बताया कि 3 जनवरी से शुरू होने वाले बच्चों के वैक्सीनेशन अभियान के तहत 15 से 18 साल तक के बच्चों को वैक्सीन लगाई जाएगी।
फिलहाल, देश में 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन लगाई जा रही है।
भारत में अब ओमिक्रॉन वैरिएंट का खतरा मंडरा रहा है। देशभर में रोजाना कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के नए मामलों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।
सावधानी नहीं बरती तो देश में ओमिक्रॉन, कोरोना की तीसरी लहर का मुख्य कारण बन सकता है। यही वजह है कि ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए सरकार ने बच्चों के वैक्सीनेशन को भी जल्द से जल्द शुरू करने का फैसला लिया है।
कोरोना वायरस महामारी से चल रही लड़ाई के बीच भारत की तीन प्रमुख दवा कंपनियां बच्चों की वैक्सीन बना चुकी हैं। इनमें भारत बायोटेक, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और जायडस कैडिला शामिल हैं। भारत बायोटेक ने बच्चों के लिए बनाई गई वैक्सीन का नाम भी कोवैक्सीन ही रखा है।
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने शनिवार को भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को 12 से 18 साल के बच्चों के लिए आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दे दी। जिसके बाद ही पीएम नरेंद्र मोदी ने बच्चों के लिए भी वैक्सीनेशन प्रोग्राम को शुरू करने का ऐलान कर दिया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक बच्चों को भी कोवैक्सीन की दो डोज लगाई जाएगी। बच्चों को दी जाने वाली दोनों डोज के बीच भी कम से कम 28 दिनों का अंतर रखना होगा।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सीईओ अदार पूनावाला ने अभी हाल ही में कहा था कि उनकी कंपनी बच्चों के लिए जो वैक्सीन बना रही है, अभी उसका ट्रायल चल रहा है।
पूनावाला ने बताया कि सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा बच्चों के लिए बनाई जा रही वैक्सीन का नाम कोवोवैक्स (Covovax) है, जिसे अगले 6 महीनों में लॉन्च किया जाएगा। पूनावाला के मुताबिक कोवोवैक्स, 3 साल से लेकर 18 साल तक के बच्चों को लगाई जा सकेगी।
इसके अलावा जायडस कैडिला ने बच्चों के लिए जायकोव-डी वैक्सीन बनाई है। ये नीडल-फ्री वैक्सीन है, जिसे बड़ों को भी लगाया जा सकेगा। इस साल अगस्त में ही जायकोव-डी को 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए इस्तेमाल की मंजूरी मिली थी।