नई दिल्ली। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि बुधवार तक राष्ट्रीय राजधानी में म्यूकरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस के 1044 मामले आए हैं, जबकि इस संक्रमण से 89 लोगों की मौत हुई है।
मंत्री ने राज्यों को जरूरत के मुताबिक कोविड-19 रोधी टीका मुहैया कराने पर जोर देते हुए कहा कि केंद्र की टीका नीति पर निश्चित रूप से फिर से काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि अब इस नीति (केंद्र की टीकाकरण नीति) पर फिर से विचार करने और फिर से काम करने का यह सही समय है। अगर राज्य अपने नागरिकों का टीकाकरण करने के लिए तैयार हैं तो उसे समुचित टीके मिलने चाहिए।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, हम ये टीके खरीद रहे हैं और नागरिकों को नि:शुल्क दे रहे हैं लेकिन केंद्र सरकार की नीति के कारण टीकों की जितनी जरूरत है उतने नहीं मिल रहे। उन्होंने कहा, टीके और इसकी कीमतों पर केंद्र सरकार का पूरा नियंत्रण है। निजी अस्पतालों में टीके की कीमतों की भी केंद्र सरकार निगरानी कर रही है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि दिल्ली सरकार अगर तय समय सीमा के भीतर लोगों को कोवैक्सीन टीके की दोनों खुराकें नहीं लगा सकती है तो उसे इतने शोर-शराबे के साथ ढेर सारे टीकाकरण केन्द्र शुरू नहीं करने चाहिए थे।
जैन ने कहा, मैं समझता हूं कि दिल्ली में कोवैक्सीन की पहली खुराक ले चुके कई लोगों को दूसरी खुराक नहीं मिल पा रही। केंद्र सरकार के कुप्रबंधन के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है। जैन ने कहा, केन्द्र से प्राप्त कार्यक्रम के आधार पर टीकाकरण अभियान शुरू किया गया था लेकिन उन्होंने कार्यक्रम में बदलाव कर दिया। अगर कोवैक्सीन की आपूर्ति होती रहती, तो हम लोगों को टीके की दूसरी खुराक देते। हम जल्द से जल्द टीके प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं।
जैन से राष्ट्रीय राजधानी में ब्लैक फंगस के मामलों पर भी सवाल किया गया। दिल्ली में बुधवार तक ब्लैक फंगस के 1044 मामले आ चुके हैं। इस संक्रमण के इलाज के लिए दवाइयों की कमी की ओर इशारा करते हुए जैन ने बताया कि 1044 मरीजों में से 92 लोग ब्लैक फंगस संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं जबकि 89 लोगों की मौत हो गई।
विशेषज्ञों ने कहा है कि दिल्ली में संक्रमण दर को देखते हुए ऐसा लगता है कि 80 प्रतिशत आबादी कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुकी है। जैन ने कहा, हो सकता है कि विशेषज्ञ सही कह रहे हों। हम आबादी का फिर से सीरो सर्वेक्षण करवाएंगे। इससे चीजें स्पष्ट होंगी।
राष्ट्रीय राजधानी में 15 जनवरी से 23 जनवरी के बीच किए गए पांचवें सीरो सर्वे के मुताबिक दिल्ली की करीब 56 प्रतिशत आबादी में कोरोनावायस के खिलाफ एंटीबॉडी तैयार हो गई थी। दिल्ली में बुधवार को कोरोनावायरस संक्रमण के 576 नए मामले आए और संक्रमण की दर 0.78 प्रतिशत थी।
जैन ने कहा, संक्रमण के नए मामलों में कमी आ रही है। एक समय था, जब नए मामलों की संख्या 28,000 तक पहुंच गई थी। जब मामले कम थे तो उसकी संख्या 150-200 थी और उसके मुकाबले अब भी नए मामलों की संख्या ज्यादा है। लोगों को मास्क लगाना, दो गज की दूरी का पालन करना चाहिए।
दिल्ली में Corona के 487 नए मामले, 45 मरीजों की मौत : दिल्ली में बीते 24 घंटे में कोविड-19 के 487 नए मामले सामने आए, जबकि 45 और मरीजों की मौत हो गई। राष्ट्रीय राजधानी में पिछले ढाई महीने के दौरान संक्रमण के नए मामलों की यह सबसे कम संख्या है। वहीं शहर में संक्रमण की दर 0.61 प्रतिशत हो गई है।
दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने एक बुलेटिन जारी कर यह जानकारी दी। यह लगातार चौथा दिन है जब राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण की दर एक प्रतिशत से कम दर्ज की गई है। दिल्ली में 11 अप्रैल के बाद पहली बार एक दिन में कोविड-19 से मरने वाले लोगों की संख्या 50 से नीचे रही है। 11 अप्रैल को कोरोनावायरस संक्रमण के कारण 48 लोगों की मौत हुई थी।
बुलेटिन के मुताबिक बीते 24 घंटे में 45 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 24,447 हो गई।गौरतलब है कि इससे पहले 16 और 17 मार्च को दिल्ली में संक्रमण के नए मामलों की संख्या क्रमश: 425 और 536 रही थी।(भाषा)