नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने शनिवार को कहा कि आईसीयू प्रबंधन में मेडिकल कर्मचारियों का प्रशिक्षण, आईआईटी प्रोफेसर को कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 प्रबंधन में शामिल करना और लोगों का टीकाकरण करवाने के लिए चुनावी मतदान केंद्र के मुताबिक कार्यक्रम चलाना महानगर में कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों के लिए प्रमुख क्षेत्र हैं, जिन पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को दो बैठकों की अध्यक्षता की जिसमें एक विशेषज्ञ समिति की बैठक थी और दूसरी तैयारी समिति की। उन्होंने तीसरी लहर के संभावित प्रभाव को कम करने के लिए कई निर्णय किए। यह जानकारी दिल्ली सरकार की तरफ से शनिवार को जारी बयान में दी गई।
इसमें बताया गया, कोविड-19 के लिए सरकार ने चरणबद्ध तैयारियां की हैं। बयान में कहा गया कि इसके आधार पर बिस्तरों, वार्ड, अन्य ढांचागत सुविधाओं की तैयारी रखना, उपकरणों की आपूर्ति, वैकल्पिक सर्जरी को रोकना और अन्य विभागों की तरफ संसाधनों को भेजना शामिल है।
बयान में कहा गया है कि दिल्ली सरकार पीपीई किट के डिजाइन की समीक्षा करेगी, ताकि पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए इसे ज्यादा आरामदायक एवं हल्का बनाया जा सके। इसमें बताया गया कि 45 वर्ष एवं इससे अधिक उम्र के लोगों के लिए सार्वभौम टीकाकरण की खातिर दिल्ली में चुनाव मतदान केंद्र के अनुरूप उपाय किए जाएंगे।
इसमें कहा गया कि जो लोग टीका लगवाने के अनिच्छुक हैं उनकी काउंसिलिंग की जाएगी। बयान में कहा गया कि दिल्ली सरकार ने अपने अस्पतालों में करीब 20 फीसदी मानव बल का इजाफा किया है, जिसमें 610 चिकित्सक, 628 नर्स और 162 अर्द्ध चिकित्साकर्मी शामिल हैं।
बयान के मुताबिक, मुख्य ध्यान ऑक्सीजन और आईसीयू बिस्तर पर होंगे। दिल्ली सरकार इस सिलसिले में केंद्र सरकार, निजी क्षेत्र, धार्मिक संगठनों और गैर सरकारी संगठनों के साथ साझीदारी करेगी।
ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मौत की जांच के लिए समिति गठित : दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को कहा कि प्रदेश की सरकार ने यह पता लगाने के लिए चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित की है कि क्या कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण मरीजों की मौत हुई और वह इसके लिए उपराज्यपाल की मंजूरी का इंतजार कर रही है।
सिसोदिया ने ऑनलाइन ब्रीफिंग में कहा कि कोरोनावायरस की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन संकट पैदा हो गया था और ऐसी खबरें हैं कि कुछ अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत हुई थी। उन्होंने कहा, हमने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति गठित करने का फैसला लिया। इस समिति में चिकित्सा विशेषज्ञ हैं। हमने उपराज्यपाल की मंजूरी के लिए फाइल भेजी है।
सिसोदिया ने कहा, यह समिति हफ्ते में एक बार बैठक करेगी और हर मामले पर गौर करेगी तथा यह फैसला करेगी कि क्या जीवनरक्षक गैस की कमी के कारण मौत हुई। जैसे ही उपराज्यपाल फाइल को मंजूर करते हैं तभी यह समिति काम करना शुरू कर देगी। सरकार ने यह भी घोषणा की है कि ऑक्सीजन की कमी के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को पांच लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा।(भाषा)