हाईकोर्ट के जजों के लिए अशोका होटल में नहीं बनेगा कोविड सेंटर, केजरीवाल सरकार ने रद्द किया आदेश

Webdunia
बुधवार, 28 अप्रैल 2021 (00:36 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों, कर्मियों एवं उनके परिवारों के लिए एक पांच सितारा होटल में 100 कमरों का कोविड-19 देखभाल केंद्र बनाने का प्रशासनिक आदेश वापस लेने संबंधी मंगलवार को निर्देश जारी किए। इससे कुछ ही घंटे पहले अदालत की एक पीठ ने कहा था कि उसने इस प्रकार का केंद्र बनाए जाने का कोई अनुरोध नहीं किया है।

ALSO READ: दिल्ली में 381 लोगों की 'जिंदगियां' लील गया कोरोना, 1 दिन में सबसे ज्यादा मौत का आंकड़ा
 
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार देर रात एक ट्वीट किया कि अशोका होटल में न्यायाधीशों के लिए एक कोविड-19 देखभाल केंद्र बनाने संबंधी आदेश वापस लेने के निर्देश जारी किए गए हैं। सिसोदिया ने ट्वीट किया कि इस आदेश को तत्काल वापस लेने के निर्देश जारी किए। इससे पहले, दिल्ली सरकार के सूत्रों ने दावा किया कि यह आदेश मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और यहां तक कि स्वास्थ्य मंत्री की जानकारी के बिना जारी किया गया था।

सूत्रों ने कहा कि सिसोदिया ने यह पता लगाने के लिए आदेश संबंधी फाइल मंगाई है कि इसे पारित कैसे किया गया। चाणक्यपुरी के उपमंडलीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) द्वारा 25 अप्रैल को जारी आदेश में कहा गया था कि अशोका होटल में कोविड-19 केंद्र को प्राइमस अस्पताल से संबद्ध किया जाएगा। इसमें कहा गया था कि यह केंद्र दिल्ली उच्च न्यायालय के अनुरोध पर बनाया जा रहा है।

ALSO READ: वर-वधू ने PPE किट पहनकर लिए सात फेरे, दूल्हा था कोरोना की चपेट में
 
इसका संज्ञान लेते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि उसने अपने न्यायाधीशों, अपने कर्मियों और उनके परिवारों के लिए किसी पांच सितारा होटल में कोविड-19 केंद्र बनाने का कोई अनुरोध नहीं किया है। न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि हमने किसी 5 सितारा होटल को कोविड-19 केंद्र में बदलने जैसा कोई आग्रह नहीं किया है। उसने दिल्ली सरकार से 'तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने को' कहा।

 
पीठ ने आदेश को 'गलत' बताते हुए कहा कि इसके कारण यह छवि पेश हुई है कि दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों ने यह आदेश अपने लाभ के लिए जारी किया है या दिल्ली सरकार ने अदालत को खुश करने के लिए ऐसा किया है। अदालत ने वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा के इस दावे से असहमति जताई कि मीडिया ने 'शरारत' की। उसने कहा कि मीडिया ने कुछ गलत नहीं किया। अदालत ने कहा कि मीडिया ने केवल यह बताया कि आदेश में क्या गलत था और गलत एसडीएम का आदेश था। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

PAN 2.0 Project : अब बदल जाएगा आपका PAN कार्ड, QR कोड में होगी पूरी कुंडली

तेलंगाना सरकार ने ठुकराया अडाणी का 100 करोड़ का दान, जानिए क्या है पूरा मामला?

Indore : सावधान, सरकारी योजना, स्कीम और सब्सिडी के नाम पर खाली हो सकता है आपका खाता, इंदौर पुलिस की Cyber Advisory

क्‍या एकनाथ शिंदे छोड़ देंगे राजनीति, CM पर सस्पेंस के बीच शिवसेना UBT ने याद दिलाई प्रतिज्ञा

संभल विवाद के बीच भोपाल की जामा मस्जिद को लेकर दावा, BJP सांसद ने शिव मंदिर होने के दिए सबूत

सभी देखें

नवीनतम

संभल हिंसा को लेकर पुराना वीडियो वायरल, गलत दावे के साथ किया जा रहा शेयर

संभल की सच्चाई : क्या है तुर्क बनाम पठान का एंगल? जानिए पूरी कहानी

LIVE: अब अजमेर दरगाह शरीफ का होगा सर्वे, अदालत ने स्वीकार की हिन्दू पक्ष की याचिका

मजाक बनकर रह गई प्रक्रिया, वक्फ बोर्ड संसदीय समिति से बाहर निकले विपक्षी सांसद, 1 घंटे बाद वापस लौटे

प्रयागराज में डिजिटल होगा महाकुंभ मेला, Google ने MOU पर किए हस्‍ताक्षर

अगला लेख