अमेरिका कोरोना के कहर से जूझ रहा है। वहां डॉक्टर लोगों के इलाज के लिए तरह-तरह के प्रयास कर रहे हैं। लेकिन एक भारतीय डॉक्टर ने अमेरिका में जो किया उसकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है।
दरअसल अमेरिका में भारतीय मूल के डॉक्टर अंकित भारत के नेतृत्व में किए गए एक ऑपरेशन में सर्जनों की टीम ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
डॉक्टर अंकित ने एक ऐसी महिला का फेफड़ों ही बदल दिया जो कोरोना संक्रमण की वजह से खराब हो गया था। यानी महिला के फेफड़े का प्रत्यारोपण। अमेरिका में कोरोना महामारी के दौर में यह अपने तरह की पहली सफल सर्जरी है। जिसकी सब दूर चर्चा हो रही है।
डॉ अंकित भारत उत्तर प्रदेश के मेरठ के रहने वाले चिकित्सक हैं। यह सर्जरी उन्हीं के नेतृत्व में की गई थी। उसके शरीर का यह महत्वपूर्ण अंग कोविड-19 से खराब हो गया था। कोरोना वायरस महामारी शुरू होने के बाद से अमेरिका में यह इस तरह की पहली सर्जरी मानी जा रही है।
शिकागो स्थित नार्थवेस्टर्न मेडिसिन अस्पताल ने कहा कि जिस महिला की यह सर्जरी की गई, उसकी उम्र करीब 20-25 साल है। नार्थवेस्टर्न मेडिसिन फेफड़ा प्रतिरोपण कार्यक्रम के थोरेसिक (वक्ष से संबंधित) सर्जरी प्रमुख एवं सर्जिकल निदेशक अंकित भारत ने कहा,
‘फेफड़ा का प्रतिरोपण किया जाना ही उसके जीवित रहने का एकमात्र विकल्प था'
मेरठ में जन्में अंकित भारत ने कहा,
‘मैंने अब तक का यह सबसे कठिन प्रतिरोपण किया' वाशिंगटन पोस्ट ने भारतीय मूल के चिकित्सक हवाले से कहा है, ‘यह सचमुच में एक चुनौतीपूर्ण मामला था'
इससे पहले यूरोपीय देश ऑस्ट्रिया में 45 साल की एक महिला का फेफड़ा प्रतिरोपित किया गया था। यह दुनिया का पहला ज्ञात फेफड़ा प्रतिरोपण था।