डोज लेने से पहले ऐसे पहचानें, वैक्‍सीन असली है या नकली, सरकार ने बताया तरीका

Webdunia
सोमवार, 6 सितम्बर 2021 (12:19 IST)
नई दिल्ली, कोरोना से बचने के लिए आपने वैक्‍सीन लगवाई और आप निश्‍चिंत हो गए कि अब आपको वायरस छू भी नहीं सकता, लेकिन कुछ दिनों बाद अगर आपको यह पता चले कि जो वैक्‍सीन आपने लगवाई है वो नकली है तो कैसा महसूस होगा।

दरअसल, जैसे जैसे कोरोना की वैक्‍सीन जान बचाने का एकमात्र विकल्‍प होती जा रही है, वैसे वैसे बाजार में नकली वैक्‍सीन की आशंका भी बढ गई है।

इस‍ीलिए अब केंद्र सरकार असली कोरोना वैक्‍सीन की पहचान के लिए गाइडलाइन जारी की है, जिसे देखकर पहचान की जा सकती है कि वैक्सीन असली है या नकली? इस गाइडलाइन में अंतर पहचानने के लिए कोविशील्ड, कोवैक्सिन और स्पूतनिक V तीनों वैक्सीन पर लेबल, उसके कलर, ब्रांड का नाम क्या होता है, इन सब की जानकारी साझा की गई है।

इस गाइडलाइन की मदद से अब आप यह पहचान सकेंगे कि वैक्‍सीन कहीं नकली तो नहीं, और नकली वैक्‍सीन से बच सकेंगे।

अतिरिक्त सचिव मनोहर अगनानी ने गत 2 सितंबर को केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों के सभी अतिरिक्त मुख्य सचिवों और प्रधान सचिवों (स्वास्थ्य) को लिखे पत्र में कहा कि यह अनुरोध किया जाता है कि टीकों को उपयोग से पहले सावधानीपूर्वक प्रमाणित करने की आवश्यकता है।

पत्र में कहा गया है कि कोविड-19 टीकाकरण के लिए सेवा प्रदाताओं और निगरानी टीमों को इन विवरणों के बारे में सूचित किया जा सकता है और नकली टीकों की पहचान के लिए उचित परिश्रम सुनिश्चित किया जा सकता है।

कैसी होती है असली वैक्‍सीन
एक असली कोविशील्ड शीशी की बोतल पर गहरे हरे रंग में एसआईआई उत्पाद का लेबल शेड, उल्लिखित ट्रेडमार्क के साथ ब्रांड नाम और गहरे हरे रंग की एल्यूमीनियम फ्लिप-ऑफ सील होगी।

एसआईआई लोगो लेबल के चिपकने वाली ओर और एक अद्वितीय कोण पर मुद्रित होता है, जिसे केवल उन कुछ चुनिंदा लोगों द्वारा पहचाना जा सकता है जो सटीक विवरण से अवगत हैं। अक्षरों को अधिक स्पष्ट और पठनीय होने के लिए विशेष सफेद स्याही में मुद्रित किया जाता है। मापदंडों के अनुसार, पूरे लेबल को एक विशेष बनावट मधुकोश प्रभाव दिया गया है जो केवल एक विशिष्ट कोण पर दिखाई देता है।

कोवैक्सीन लेबल में नकल रोधी सुविधाओं में अदृश्य यूवी हेलिक्स (डीएनए जैसी संरचना) शामिल है जो केवल यूवी प्रकाश के तहत दिखाई देता है।

स्पुतनिक के मामले में यह आयातित उत्पाद रूस से दो अलग-अलग थोक निर्माण स्थलों से हैं और इसलिए, इन दोनों स्थलों के लिए दो अलग-अलग लेबल हैं जबकि सभी जानकारी और डिज़ाइन समान हैं, केवल निर्माता का नाम अलग है। अब तक सभी आयातित उत्पादों के लिए, अंग्रेजी लेबल केवल 5 एम्प्यूल पैक के कार्टन के आगे और पीछे उपलब्ध है, जबकि अन्य सभी ओर एम्प्यूल पर प्राथमिक लेबल सहित, रूसी में है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Operation Sindoor पर घमासान, भारतीय राजनीति में मीर जाफर और जयचंद की इंट्री

क्या है ऑपरेशन 'मीर जाफर', जिसमें हो रही है देश के गद्दारों की गिरफ्तारी, अब तक 13 गिरफ्त में

आसिम मुनीर को बनाया फील्ड मार्शल, पाकिस्तानी सरकार ने दिया कट्‍टरपंथी जनरल को इनाम

Airtel और Google की partnership से ग्राहकों को फायदा, Free मिलेगी यह सुविधा

क्या है कोरोना का JN.1 वेरिएंट, भारत में कितने मामले, वायरस से देश में कितना खतरा, सरकार कितनी तैयार, किन बातों का आपको रखना होगा ध्यान

सभी देखें

नवीनतम

ट्रंप ने किया गोल्डन डोम का एलान, अमेरिका की रक्षा करेगा 175 अरब डॉलर का मिसाइल डिफेंस सिस्टम

LIVE: पाकिस्तान में स्कूल बस पर आतंकी हमला, 4 बच्चों की मौत

भारत से जंग और पाकिस्तान के विभाजन का संकेत है फील्ड मार्शल आसिम मुनीर

LoC पर बसे गांवों में मुश्किल बने अनफूटे गोले, परेशान करती हैं भयावह यादें

महाराष्ट्र में कोरोना से 2 लोगों की मौत, 52 एक्टिव मरीज

अगला लेख