नई दिल्ली। दुनियाभर में कोरोनावायरस महामारी की दूसरी लहर का अंदेशा जताया जा रहा है। कुछ यूरोपीय देशों ने तो संक्रमण को दोबारा फैलने से रोकने के लिए सख्ती कर दी है और लॉकडाउन की चेतावनी दी गई है। भारत के महाराष्ट्र में भी दूसरी लहर की आशंका है। इस दूसरी लहर के पीछे लोगों का लापरवाहभरा व्यवहार जिम्मेदार है। इसका कारण लोगों द्वारा मास्किंग, फिजिकल डिस्टेंसिंग व साफ़ सफाई के प्रति लापरवाह होना है। इससे संक्रमण और फैल रहा है।
दुनियाभर में कोरोनावायरस से मरने वालों की संख्या 10 लाख के पार पहुंच गई है जबकि संक्रमितों की संख्या 3.32 करोड़ के पार पहुंच गई है। भारत में 17 सितंबर से कोविड-19 महामारी का प्रकोप घटना शुरू हो गया ऐसा जान पड़ता है और यह सिलसिला 2 हफ्ते से बरकरार है। इस कारण कई एक्सपर्ट्स का मत है कि भारत में कोरोना का पीक गुजर चुका है, लेकिन कई कारणों से हमें अब भी बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता है।
17 सितंबर तक दिन भारत में 7 दिनों में रोजाना नए कोरोना केस का औसत 93,199 रहा था और यह केवल देश ही नहीं, दुनिया के लिए भी एक रेकॉर्ड था। फिर इसके बाद से रोजोना नए कोरोना केसों की संख्या में लगातार गिरावट दर्ज की गई। 4 अक्टूबर तक पिछले 17 दिनों में सिर्फ एक दिन 1 अक्टूबर को ही रोजाना के औसत में वृद्धि दर्ज की गई थी।
अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया में दूसरा पीक आया। अमेरिका में भी 2 बार कोरोना का पीक आया जबकि यूरोप के कई देशों में भी दूसरा पीक आ रहा है। योरपीय देशों में नए केसों का पीक आने के बाद स्थितियां संभलने लगी हैं लेकिन वहां दोबारा रोजाना नए कोरोना केस बढ़ने लगे और बढ़ते ही चले गए।
एवरेज डेली केस की तुलना करने पर पता चलता है कि यूरोप में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर आ गई है। दुनिया के जिन 17 देशों में 4 अक्टूबर को कोरोना के 50 हजार से ज्यादा केस थे, वहां केस 20% तक बढ़ गए। आंकड़ों से पता चलता है कि दूसरी लहर में रोजोना नए कोरोना केस, पहली लहर के रोजाना नए केस के मुकाबले बहुत ज्यादा हैं। बेल्जियम, फ्रांस, स्पेन और यूके में अब पहले पीक से ज्यादा केस दिखने लगे हैं।