नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने यहां केंद्र सरकार द्वारा संचालित सफदरजंग अस्पताल में मंगलवार को कोविड महामारी से निपटने के लिए आयोजित मॉक ड्रिल का निरीक्षण किया और कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने की स्थिति से निपटने की अस्पताल की तैयारियों का जायजा लिया।
कुछ देशों में कोविड-19 के मामलों में तेजी के बीच केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से एहतियाती कदमों के तौर पर सभी कोविड अस्पतालों में मॉक ड्रिल करने को कहा है।
उन्होंने कहा, 'मैंने सफदरजंग अस्पताल में कोविड से निपटने के लिए आयोजित मॉक ड्रिल का जायजा लिया। मॉक ड्रिल यह जानने के लिए जरूरी था कि हमारे अस्पताल महामारी से निपटने के लिए कितने तैयार हैं।'
मांडविया ने कहा कि पूरी दुनिया में कोविड के मामले बढ़ रहे हैं और भारत में भी संक्रमण के मामलों में वृद्धि हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि उपकरणों, प्रक्रियाओं और मानव संसाधनों के रूप में कोविड संबंधी पूरा ढांचा पूरी तरह तैयार हो।
उन्होंने कहा कि अस्पतालों में तैयारी अहम है और इस लिहाज से सरकारी अस्पतालों के साथ साथ निजी अस्पताल भी मॉक ड्रिल कर रहे हैं। मांडविया ने कहा कि प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री अपने-अपने क्षेत्रों में मॉक ड्रिल की समीक्षा कर रहे हैं।
उन्होंने सभी लोगों से कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाने, असत्यापित जानकारी साझा करने से बचने और उच्च स्तर की तैयारियां रखने को कहा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल में 44 बिस्तर वाले कोविड केंद्र का निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पताल के अधिकारियों से बातचीत भी की और उन्हें तैयारी रखने का निर्देश दिया। उन्होंने बताया कि कोविड के लिए पर्याप्त धन आवंटित किया गया है तथा राज्यों को सभी प्रकार के बंदोबस्त के लिए पैसा दिया गया है।
सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ बीएल शेरवाल ने कहा कि सभी लक्षण वाले मरीजों की कोविड केंद्र में स्क्रीनिंग और जांच की जाएगी। एक से दो घंटे में रिपोर्ट मिल जाएगी जिसके बाद उन्हें भर्ती करने या छुट्टी देने का फैसला किया जाएगा। तब तक रोगी की निगरानी की जा सकती है। सभी बिस्तरों पर ऑक्सीजन की सुविधा है।
अस्पताल के डॉ नीरज गुप्ता ने बताया कि 44 बिस्तरों में से 6 पर वेंटिलेटर हैं। इसके अलावा 18 बिस्तर का विशेष कोविड आईसीयू भी है।
Edited by : Nrapendra Gupta