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कोरोना से जंग में एक्शन में भारतीय सेना, बेहतर समन्वय के लिए बनाया कोविड प्रबंधन प्रकोष्ठ

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, शुक्रवार, 7 मई 2021 (07:48 IST)
नई दिल्ली। भारतीय सेना ने कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों से निपटने में नागरिक प्रशासन के अधिकारियों की मदद करने में बेहतर समन्वय के लिए एक ‘कोविड प्रबंधन प्रकोष्ठ’ स्थापित किया है।

राजनाथ सिंह ने बताया कि सेना, नौसेना और वायु सेना किस तरह से देशवासियों की जान बचाने में लगी हुई हैं। सिंह ने अपने वेबसाइट पर ब्लाग पोस्ट में कोविड से मुकाबला करने से संबंधित नई सुविधाएं स्थापित करने, स्वास्थ्य पेशेवरों की तैनाती जैसे कार्यो का जिक्र किया जो रक्षा मंत्रालय से जुड़े संगठनों द्वारा किए गए हैं।
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा मंत्री के पोस्ट पर ट्वीट करते हुए कहा कि ‘जल, थल और नभ’....हमारे सशस्त्र बल कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को मजबूत बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
 
दूसरी ओर, रक्षा मंत्री ने अपने पोस्ट में बताया कि इस वायरस से निपटने के लिए सेना को आपात वित्तीय शक्तियां दी गई है ताकि कमांडरों को पृथकवास केंद्र से लेकर अस्पताल बनाने तक कोई भी सामान खरीदने के लिए असुविधा का सामना ना करना पड़े।
 
3 स्टार जनरल संभालेंगे कोविड प्रबंधन सेल का जिम्मा : सैन्य अधिकारियों ने बताया कि कोविड प्रबंधन प्रकोष्ठ का दायित्व राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों से मदद का आह्वान मिलने पर सेना के प्रतिक्रिया समन्वय में व्यापक क्षमता लाने का है। सेना विभिन्न राज्यों में नागरिक प्रशासन के अधिकारियों की मदद के लिए पहले ही अपने महत्वपूर्ण चिकित्सा संसाधन तैनात कर चुकी है। नागरिक अधिकारियों की सहायता की देखरेख करने वाले तीन-स्टार अधिकारी सीधे उप प्रमुख को रिपोर्ट करेंगे।
 
पूर्वोत्तर से 2 अस्पतालों के साजो-सामान को पटना भेजा : भारतीय सेना ने कोविड-19 महामारी से मुकाबले में बिहार सरकार की मदद के लिए पूर्वोत्तर के दो अस्पतालों से कर्मियों और साजो-सामान को पटना भेजा। फील्ड हॉस्पिटल’ के चिकित्सा अधिकारियों और अन्य सहयोगी कर्मचारियों को पटना में शुरू हुए 500 बिस्तर वाले अस्पताल में तैनात किया जाएगा। अस्पताल में 100 आईसीयू (गहन चिकित्सा इकाई) बिस्तरों की व्यवस्था होगी।

उल्लेखनीय है कि भारत कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है और कई राज्यों में अस्पतालों में आक्सीजन तथा दवा, उपकरणों, बिस्तरों की कमी का सामना करना पड़ रहा है ।

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