इंदौर। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में कोरोना संक्रमण की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है। रोजाना कोरोना मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को 2047 नए पॉजिटिव मरीज मिले हैं। राहत की बात यह कि मरीज जल्द रिकवर भी हो रहे हैं। मध्यप्रदेश में इंदौर कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला इंदौर डॉ. बीएस सैत्या द्वारा जारी कोरोना बुलेटिन के मुताबिक मंगलवार को 11515 सेंपल्स की जांच की गई। इनमें 2047 पॉजिटिव पाए गए हैं। मंगलवार को कोरोना से एक मौत भी हुई।
शहर में ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित मरीज की संख्या 9 तक पहुंच चुकी है। 603 मरीज कोरोना से स्वस्थ होकर घर लौटे। जिले में 13368 कोरोना मरीजों का इलाज किया जा रहा है।
संक्रमितों की बढ़ रही संख्या के बीच डराने वाली बात है कोरोना लेकर लोग अभी भी लापरवाह ही दिखाई दे रहे हैं। लोगों के मुंह पर न मास्क दिखाई दे रहे हैं न बाजारों में सोशल डिस्टेंसिंग दिखाई दे रही है।
फरवरी में चरम पर महामारी : इंदौर में कोरोनावायरस से संक्रमण के दैनिक आधार पर आने वाले मामलों का पिछला रिकॉर्ड टूटने के बाद राज्य सरकार की सलाहकार समिति के एक सदस्य ने अनुमान जताया कि जनवरी के आखिरी या फरवरी के पहले हफ्ते के आस-पास जिले में महामारी की तीसरी लहर चरम पर पहुंच सकती है।
10 हजार पर भी नहीं लगेंगी पाबंदियां : जिला कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि हॉस्पिटल एडमिशन काफी कम है। अगर हॉस्पिटल एडमिशन बढ़ते हैं तो फिर पाबंदियां लगाने का सोचा जाएगा, नहीं तो ऐसी स्थिति में अगर 10 हजार मरीज भी रोज आते हैं तब भी शहर में कोई और पाबंदी नहीं लगेंगी।
उन्होंने कहा कि शहर में कोरोना संक्रमण की दर जरूर बढ़ रही है लेकिन चिंता करने की कोई बात नहीं। ज्यादातर लोग होम आइसोलेशन में हैं। इससे पहले कलेक्टर मनीष सिंह ने संकेत दिए थे कि 1 से 13 फरवरी तक कोरोना का पीक हो सकता है।